गाज़ियाबाद पुलिस ने आज एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया जो गलत तरीके से यूनिक नंबर देकर फर्जी शस्त्र लाईसेंस बनाने का गोरखधंधा कर रहा था। इस बड़े घोटाले को अंजाम दे रहे गिरोह के सरगना सहित पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों के पास से चार पिस्टल, एक रिपीटर 12 बोर,17 लाईसेंसों की छाया प्रति, कीमती चार मोबाइल फोन, लाखों की नगदी बरामद हुई है। पकड़े गये आरोपियों में गांव का प्रधान, असलहा व्यापारी भी शामिल है। ये गैंग पांच से दस लाख रूपये में लाइसेंस बनवाने का ठेका लेते थे।
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में डीएम अजय शंकर पांडे व एसएसपी सुधीर कुमार ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने शस्त्र लाईसेंस के आवेदनों की जांच के दौरान लाईसेंस धारक के यूनिक आईडी की जांच इंटरनेट पर करायी तो मामला पकड़ में आया। डीएम ने 17 आवेदन पकड़े और प्रकरण को जांच के लिए एसएसपी को भेजा। जांच में पता चला कि इस गैंग को असलहा बेचने की दुकान करने वाला जिला शाहजहांपुर का प्रधान व दुर्गा गन हाउस का मालिक हरिशंकर अवस्थी व वहीं जिला मुख्यालय पर कार्यरत संविदा पर कार्यरत असलहा बाबू पवनेश गौतम मौहल्ला तिहारजाई थाना जलालाबाद,शाहजहांपुर चला रहे हैं।
गैंग ने शाहजहांपुर जिले के सहरामऊ थाने से असलहा रजिस्टर पहले गायब किया। उसके बाद संगठित गिरोह का यह धंधा चलता रहा। कविनगर पुलिस ने गैंग के सरगना हरिशंकर अवस्थी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद गैंग में शामिल शाहजहांपुर के अनाथा निवासी सदानंद शर्मा व असलहा बनवाने वाले तीन व्यापारी गाजियाबाद के थाना विजयनगर के तीन लोगों में मौहल्ला बिहारीपुरा निवासी फुरकान, प्रताप विहार निवासी संजय गर्ग व सर्वोदयनगर निवासी विनोद पुत्र रामाधार शर्मा को गिरफ्तार किया है।
जबकि गैंग में शामिल शाहजहांपुर कलेक्ट्रेट में कार्यरत संविदाकर्मी पवनेश गौतम,श्याम बिहारी फरार हैं। वहीं, दूसरी ओर जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने शहाजहांपुर व पीलीभीत के जिला प्रशासन को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है।
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