झारखंड के टाटानगर रेलवे स्टेशन से तीन साल की बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म के बाद हत्या करने दोनों आरोपियों रिंकू साहू और कैलाश कुमार को बुधवार को चक्रधरपुर रेलवे दंडाधिकारी दिलीप राजेश्वर तिर्की की कोर्ट में पेश किया गया। मजिस्ट्रेट कोर्ट में दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने बच्ची का स्टेशन से अपहरण करने के बाद उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और बच्ची की गला काटकर हत्या कर दी। कोर्ट ने दोनों को घाघीडीह सेंट्रल जेल भेज दिया। दोनों ही आरोपियों का फैमिली बैकग्राउंड अच्छा है। रिंकू की मां गिरीडीह मुख्यालय में पुलिसकर्मी हैं जबकि कैलाश के पिता संतराम सीआरपीएफ के जवान हैं। इन दिनों पुलवामा में तैनात हैं।
आपको बता दें कि 25 जुलाई को जमशेदपुर रेलवे स्टेशन से तीन वर्षीय बच्ची का अपहरण हुआ था। इसके बाद उसकी लाश 29 जुलाई को बरामद हुई थी। इसी मामले में टाटा जीआरपी ने दोनों को गिरफ्तार कर बुधवार को कोर्ट में पेश किया। पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपी रिंकू साहू और कैलाश कुमार अपराधी प्रवृति के हैं। साकची व टेल्को पुलिस से दोनों पर दर्ज मामले की जानकारी मांगी गई है। डीएसपी के अनुसार रिंकू और कैलाश आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। रिंकू टेल्को के रामाधीन बगान का रहने वाला है जबकि कैलाश काशीडीह (साकची) निवासी है।
बच्ची शव बरामद होने के 24 घंटे बाद भी बाद भी बच्ची का सिर नहीं मिला है। बच्ची की मां रकीमा खातून के बयान पर अपहरण, दुष्कर्म एवं हत्या समेत पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। प्रेसवार्ता में रेल डीएसपी नूर मुस्तफा कहा कि केस में मोनू मंडल, ग्राम नया बाजार, थाना राजमहल, जिला साहेबगंज, रिंकू साहू टेल्को व कैलाश कुमार काशीडीह को आरोपी बनाया गया है। पोस्टमार्टम के दौरान बच्ची के शरीर में जख्म के कई निशान मिले हैं। आरोपी ने अपहरण के दूसरे दिन हत्या करने का जुर्म स्वीकार किया है। बच्ची का सिर खोजने में आरपीएफ का खोजी कुत्ता भी फेल हो गया। बुधवार सुबह पुलिस रिंकू को एक बार फिर उक्त झाड़ी के पास ले गई थी, जहां से बच्ची का सिर कटा शव मिला था।
रेलवे पुलिस ने बताया कि पूछताछ में रिंकू साहू ने स्वीकार किया है कि वह आदतन बच्चा चोर है। उसने वर्ष 2008 में काशीडीह के गोविंद साहू के छह वर्षीय बच्चे को चुराकर कैलाश के हाथ पांच हजार रुपये में बेच दिया था। जेम्को आजाद बस्ती से साहिल के अपहरण का केस उसपर दर्ज है। इससे स्टेशन से 2018 में प्रवीण नामक गुलगुलिया की दो बेटियों को चुराने का संदेह भी पुलिस रिंकू पर कर रही है। रिंकू ने रेल पुलिस को बताया कि बच्ची बिस्तर से गिरकर रोने लगी। शांत नहीं होने पर उसने उसका गला काट दिया और झोला में शव को रखकर झाड़ी में फेंक दिया। बच्ची का सिर कटा शव रिंकू की निशानदेही पर झाड़ी से बरामद हुआ।
खोजी कुत्ते के साथ टेल्को रामाधीन बगान के आसपास बच्ची का सिर तलाशने के दौरान रेल पुलिस को लोगों का विरोध झेलना पडा। भीड़ बार-बार रिंकू को पकड़ना चाहती थी। रेल पुलिस सतर्क न होती तो हमला तय था। इधर, डीएसपी ने कहा कि जवानों ने बड़ी मुश्किल से रिंकू को भीड़ के आक्रोश से बचाया। पुलिसकर्मियों के सतर्क न रहने से हिंसक घटना हो सकती थी। रिंकू की मां ने रेल थाना प्रभारी सुरजा सुंडी के समक्ष बेटे से कोई संबंध होने से इनकार किया है।
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