कैफे कॉफी डे के संस्थापक वी जी सिद्धार्थ का शव कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में नेत्रावती नदी में बुधवार को मिला। सिद्धार्थ सोमवार से लापता थे। मैंगलुरु के पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने कहा कि शव को आगे की औपचारिकताओं के लिए वेंगलॉक अस्पताल में रखा गया है। वहीं उनके द्वारा कथित रूप से लिखे एक पत्र में कहा गया है कि उन पर कर्जदाताओं का ‘भारी दबाव’ था।
देश की सबसे बड़ी कॉफी चेन के संस्थापक सिद्धार्थ सोमवार को मैंगलुरु जाते समय संदेहास्पद परिस्थितियों में अचानक गायब हो गए थे। सिद्धार्थ का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), तटरक्षक, होमगार्ड, अग्निशमन विभाग एवं तटीय पुलिस की टीमों ने उस पुल के नीचे नेत्रावती नदी के पानी में तलाश की थी, जहां 60 वर्षीय सिद्धार्थ को आखिरी बार देखा गया था।
पुलिस के अनुसार, नेत्रावती नदी पर बने पुल के पास वह कार से उतर गए और उन्होंने चालक से कहा कि वह टहलने जा रहे हैं। इसके बाद से वे लापता हो गए। सिद्धार्थ ने पत्र में लिखा कि वह कंपनी के लिए एक मुनाफे वाला बिजनेस मॉडल तैयार नहीं कर पाए। उन्होंने कंपनी को हुए नुकसान के लिए माफी भी मांगी। सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे इस पत्र में उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि मैंने इसे सबकुछ दे दिया। मैं उन सभी लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने के लिए माफी मांगना चाहता हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया। अब तक इस बात की तत्काल पुष्टि नहीं हो पाई कि यह पत्र सिद्धार्थ ने ही लिखा है या नहीं।
पुलिस के मुताबिक, सोमवार को सिद्धार्थ सक्लेश्पुर जा रहे थे लेकिन अचानक उन्होंने अपने चालक से मंगलुरु चलने को कहा। दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा इलाके में नेत्रवती नदी पर बने पुल के पास वह कार से उतर गए और उन्होंने चालक से कहा कि वह टहलने जा रहे हैं। इस दौरान सिद्धार्थ ने चालक से उनके आने तक रुकने को कहा। जब वह दो घंटे तक वापस नहीं आए तो चालक ने पुलिस से संपर्क कर उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई।
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