राज्यसभा में आज (मंगलवार) को तीन तलाक बिल पर चर्चा हो रही है, इस दौरान विपक्ष की तरफ से लगातार विरोध किया जा रहा है। बहस के बीच जब उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह सदन की कार्यवाही चला रहे थे, तो तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद डोला सेन अपनी बात कहने के लिए खड़ी हुईं। इस दौरान जब उन्होंने बोलना शुरू किया तो उपसभापति ने कहा कि अगर बहस चलती जाए तो लंच को रद्द कर दिया जाए। बस इसी मुद्दे पर विपक्ष की ओर से हंगामा कर दिया गया।
डोला सेन की तरफ से चेयर से मांग की गई कि वह लंच के बाद भी बोलना चाहती हैं, लेकिन स्पीकर ने उन्हें कुछ ही मिनट का समय दिया। जिसपर उन्होंने कहा कि यह उनकी पहली स्पीच है और ज्यादा समय चाहती हैं, वर्ना वो सीधा लंच के बाद ही बोलेंगी। इस पर उपसभापति की तरफ से फिर राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू का वो आदेश याद दिलाया गया जिसमें उन्होंने बहस जारी होने पर लंच को टालने की बात कही।
इसी दौरान राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बहस जारी रखने का विरोध किया। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पहले बिना विपक्ष से पूछे सदन की कार्यवाही को बढ़ाया गया, फिर प्रश्न काल को बंद किया गया और अब लंच रद्द करने की बात हो रही है। कल कहेंगे कि डिनर भी रद्द कर दिया जाए? इसी को लेकर सदन में काफी देर तक बहस चलती रही और इसी बीच बीजेपी की तरफ से भूपेंद्र यादव खड़े हुए और उन्होंने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर बताया।
भूपेंद्र यादव ने नियम बताते हुए कहा कि अगर राज्यसभा चेयरमैन चाहें तो बहस के लिए लंच रद्द कर सकते हैं। अब ये विपक्ष को देखना है कि यहां महिलाओं अधिकारों से जुड़े मुद्दे पर चर्चा हो रही है और उनके लिए लंच ज्यादा महत्वपूर्ण है तो उन्हें लंच करने दीजिए और बहस को लंच के बाद ही शुरू कीजिए। इतना कहते ही लंच का समय हो गया।
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