बढ़ते सड़क हादसे और हादसों में सिर पर चोट लगने से होने वाली मौतों के ग्राफ ने आख़िरकार शासन-प्रशासन के माथे की शिकन गहरी कर ही दी। यही वजह है कि जल्द ही हेलमेट नंबर की ऑनलाइन जाँच के बाद ही वाहनों के पंजीकरण की व्यवस्था देखने को मिलेगी। यह कहना है परिवहन विभाग के क्षेत्रीय निरीक्षक प्रेम सिंह का।
प्रेम सिंह ने कहा कि डीलर द्वारा नकली हेलमेट दिए जाने तथा बिना हेलमेट दिए हेलमेट का जाली नंबर लिखकर वाहन पंजीकरण कराने की शिकायत मिल रही थी। इस प्रक्रिया के आने से डीलर खानापूर्ति करने के बजाय हेलमेट देने के लिए बाध्य होंगे. वहीं, इसका अनुपालन न करने पर डीलर के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
आपको बता दें कि कंपनी व डीलरों द्वारा दोपहिया वाहन के साथ हेलमेट मुफ्त में देने के आदेश पहले ही जारी किए गए थे। लेकिन ज्यादातर डीलर या तो हेलमेट देते ही नहीं थे या नकली हेलमेट थमा देते थे। जिसे गंभीरता से लेते हुए संभागीय परिवहन विभाग ने हेलमेट नंबर के आधार पर उसकी ऑनलाइन जाँच सुनिश्चित की है। इस जाँच के जरिए निर्माता कंपनी के नाम सहित हेलमेट की गुणवत्ता का विवरण आ जाएगा। जिससे डीलर पुराना अथवा नकली हेलमेट नहीं दे सकेंगे। इसके लिए जल्द ही सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जाएगा।
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