क्या आप जानते हैं कि यदि किसी दुकान पर डिजिटल स्केल रखा है तो दुकानदार को स्केल की कैपेसिटी के एक चौथाई वजन के बराबर लोहे के बाट रखने भी जरूरी हैं। अर्थात, अगर किसी दुकानदार के पास सामान तौलने के लिए अधिकतम 10 किलो वजन तोलने वाला डिजिटल स्केल है तो उसे 2.5 किलो लोहे के बाट रखने भी जरूरी हैं!
गाज़ियाबाद जिले के खाद्य व्यवसायियों के साथ हुई एक बैठक में बोलते हुए विधिक माप विज्ञान (बाँट एवं माप) विभाग के वरिष्ठ निरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद चौरसिया ने ऐसी अनेक उपयोगी जानकारी दीं। उन्होंने बताया कि नियमों के मुताबिक हर सील बंद डब्बे पर उसमें पैक किए गए प्रॉडक्ट की मात्रा के साथ-साथ यह भी बताना जरूरी है उस प्रॉडक्ट को बनाने में किन-किन वस्तुओं का प्रयोग किस-किस मात्रा में किया गया।
अनजाने में होती हैं अधिकतर गलतियाँ
खाद्य व्यवसायियों के प्रमुख संगठन एसोसिएशन ऑफ़ फ़ूड ऑपरेटर्स द्वारा आयोजित इस बैठक का उद्देश्य व्यापारियों को विधिक माप विज्ञान (बाँट एवं माप) विभाग से जुड़े नियम और क़ानूनों से अवगत कराना था। एसोसिएशन के महासचिव संजय मित्तल ने बताया कि कोई भी व्यापारी जानबूझ कर नियमों को नहीं तोड़ना चाहता है मगर ऐसा संभव नहीं कि व्यापारी को हर विभाग से जुड़े नियम-क़ानूनों की जानकारी हो। अज्ञानतावश व्यापारी नियम तोड़ देता है और उसे भारी जुर्माने का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में व्यापारियों की मदद के लिए एसोसिएशन समय-समय पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर सदस्यों को नियम-क़ानूनों की जानकारी प्रदान करती रहती है।
बैठक में संगठन अध्यक्ष अनिल गुप्ता (कान्हाजी स्वीट्स), महासचिव संजय मित्तल (बीकानेरवाला, गाज़ियाबाद) समेत संगठन सदस्य जुगल किशोर (जुगल बेकर्स), राहुल गोयल (सुगंध स्वीट्स), अंकुर कुमार (नाथू स्वीट्स), जोगेन्दर सिंह (डोनाल्ड्स पेस्ट्री शॉप) एवं अनुराग त्यागी (नाथू स्वीट्स) व भूपाल सिंह (बीकानेरवाला, गाज़ियाबाद) आदि मौजूद रहे।
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