पहलगाम हमले में वीरगति पाने वाले कानपुर के सपूत को सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धांजलि अर्पित की। गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री शुभम के आवास पहुंचे, जहां उन्होंने शहीद के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। शुभम की पत्नी ऐशान्या से मिलते हुए भावुक क्षणों में वो फूट-फूटकर रो पड़ीं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की, जिस पर सीएम योगी ने आश्वासन देते हुए कहा – “सरकार पर भरोसा रखिए, इस बलिदान का बदला जरूर लिया जाएगा।”
“धर्म और जाति नहीं देखी गई, उजाड़ा गया एक सिंदूर” – सीएम योगी
मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने हमले को “क्रूर, वीभत्स और कायराना” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह हमला न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक चेतावनी है कि आतंकवाद अब अंतिम सांसें गिन रहा है।
“इस तरह की घटनाएं किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार नहीं की जा सकतीं। शुभम की मात्र दो महीने पहले शादी हुई थी। उनके साथ जो हुआ, वह हर भारतीय के दिल को झकझोर देता है,” – सीएम योगी।
“डबल इंजन की सरकार कोई समझौता नहीं करेगी”
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह द्वारा सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में कठोर निर्णय लिए गए हैं।
“हमारी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पहले भी आतंक के खिलाफ असरदार रही है और आगे भी रहेगी। शुभम का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा,” – उन्होंने दोहराया।
शुभम के पिता और पत्नी ने सुनाया दुखद दर्द
शुभम के पिता ने मुख्यमंत्री से हाथ जोड़कर गुहार लगाई –
“ऐसा सबक सिखाइए कि कोई दुबारा ऐसा करने की हिम्मत न करे।”
वहीं ऐशान्या ने सीएम के सामने पूरे घटनाक्रम को भावुक स्वर में साझा किया। हर किसी की आंखें नम थीं। मुख्यमंत्री ने ऐशान्या को दिलासा देते हुए कहा –
“शुभम केवल आपके नहीं, पूरे देश के बेटे थे। राष्ट्र उनका कर्जदार है।”
कानपुर में उमड़ा जनसैलाब, दी गई राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
कानपुर की सड़कों पर मातम पसरा था, लेकिन साथ ही गर्व की भावना भी थी। व्यापारी से लेकर छात्र, अफसर से लेकर आम नागरिक तक – सभी की जुबां पर एक ही बात थी – “मौत का बदला लो।”
जिला प्रशासन और कानपुर कमिश्नरेट ने शुभम को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को देखकर हर आंख नम थी और हर दिल गर्जना कर रहा था – “शुभम अमर रहें!”
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