समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की कानूनी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं है। जौहर यूनिवर्सिटी गेट मामले में आज (25 जुलाई) को उप जिलाधिकारी के न्यायालय में सुनवाई हुई। इस दौरान यूनिवर्सिटी की ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया कि जिला जज के न्यायालय में भी अर्जी लगाई गई थी, जो खारिज हो गई है। इसलिए हमें हाईकोर्ट जाने के लिए समय दिया जाए। कोर्ट ने अर्जी को खारिज करते हुए आदेश दिया कि 15 दिन में पीडब्ल्यूडी की रोड पर से अवैध कब्जा खाली करने और क्षतिपूर्ति के रूप में 3 करोड़ 27 लाख 60 हज़ार रुपये जमा किए जाएं।
इसके साथ ही एसडीएम कोर्ट ने आदेश किया कि मुकदमा चलाने के दिन से 9 लाख 10 हज़ार रुपये प्रति माह भी जमा करने होंगे। दरअसल, करीब 11.5 किलोमीटर रोड का हिस्सा है, ये मार्ग पीडब्ल्यूडी का है। इसके रास्ते में जौहर यूनिवर्सिटी ने अपना मुख्य द्वार बना लिया है। इसका चौडीकरण भी पीडब्ल्यूडी ने किया है।
पीडब्ल्यूडी ने ही एसडीएम कोर्ट में इस मसले पर वाद दायर की थी, जिसमे जौहर यूनिवर्सिटी के चांसलर आजम खान को नोटिस भी जारी किए गए थे। आजम खान ने ये केस ट्रांसफर करने के अपील की थी, लेकिन वह पूर्व में खारिज हो गई थी। 24 जुलाई को आजम खान पक्ष ने जवाब दाखिल नहीं किया और केस ट्रांसफर की अपील कर दी, जिसको कोर्ट ने आज खारिज कर आज फैसला दिया है।
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