गाजा पट्टी में एक दुर्लभ और अभूतपूर्व घटनाक्रम देखने को मिला जब युद्ध-विरोधी प्रदर्शन के दौरान फलस्तीनियों ने हमास के खिलाफ नारे लगाए। इस विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया और ‘युद्ध बंद करो’, ‘जंग खत्म करो’, ‘हमारे बच्चों का खून सस्ता नहीं है’ जैसे नारे लगाए। यह पहली बार है जब जनता ने खुले तौर पर हमास के खिलाफ आवाज बुलंद की है, जबकि संगठन लंबे समय से किसी भी असहमति को दबाता रहा है।
बेत लाहिया में उग्र प्रदर्शन
मंगलवार को गाजा के उत्तरी शहर बेत लाहिया में युद्ध के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। वीडियो फुटेज में दिखाया गया कि लोग सड़कों पर उतरकर युद्ध समाप्त करने की मांग कर रहे थे। कई प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट रूप से ‘हमास बाहर निकलो!’ के नारे भी लगाए। हालाँकि, कुछ वीडियो में यह भी देखा गया कि हमास समर्थकों ने भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की।
इस्राइली नाकाबंदी और मानवीय संकट
इस्राइल ने इस महीने की शुरुआत में गाजा के लगभग 2 मिलियन फलस्तीनियों के लिए भोजन, ईंधन, दवा और मानवीय सहायता की आपूर्ति रोक दी थी। इस्राइल का कहना है कि जब तक हमास उसके 59 बंधकों को नहीं छोड़ता, तब तक युद्ध समाप्त नहीं होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, इनमें से सिर्फ 24 ही जीवित बताए जा रहे हैं।
इस्राइल ने युद्ध समाप्त करने की शर्तें भी स्पष्ट की हैं: हमास को अपना शासन छोड़ना होगा, हथियार डालने होंगे और उसके नेताओं को निर्वासित किया जाना होगा। दूसरी ओर, हमास ने यह कहते हुए इन शर्तों को खारिज कर दिया कि वह केवल फलस्तीनी कैदियों की रिहाई, स्थायी युद्धविराम और गाजा से इस्राइली सेना की पूर्ण वापसी के बदले में ही अपने बंधकों को छोड़ेगा।
7 अक्टूबर 2023 से जारी संघर्ष
यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इस्राइल पर हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और 251 लोगों का अपहरण कर लिया गया था। इसके जवाब में इस्राइली हमले में अब तक गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 50,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
यह युद्ध न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बल्कि आम नागरिकों के जीवन के लिए भी गंभीर संकट बना हुआ है। अब, जब हमास के खिलाफ जनता खुलकर सड़कों पर उतरने लगी है, यह देखना अहम होगा कि इस संघर्ष का भविष्य क्या रूप लेता है।
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