भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर का स्पेसक्राफ्ट आज धरती की ओर लौट रहा है। दोनों अंतरिक्ष यात्री स्पेसएक्स क्रू कैप्सूल से वापसी कर रहे हैं, और पूरी दुनिया उनकी सुरक्षित वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रही है। इस बीच, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को एक विशेष पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने उनके प्रति अपना सम्मान और स्नेह प्रकट किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो के माध्यम से यह पत्र सुनीता विलियम्स तक पहुंचाया। इस पत्र में उन्होंने लिखा, “भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन आप हमारे दिल के करीब हैं।” यह पत्र भारत के 1.4 अरब नागरिकों की भावनाओं और गर्व को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने उनके साहस, शक्ति और सुरक्षित वापसी की कामना करते हुए सुनीता को भारत की ‘शानदार बेटी’ बताया।
प्रधानमंत्री मोदी की इस भावना से सुनीता विलियम्स अभिभूत हुईं और उन्होंने भारत और प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी ट्वीट कर कहा, “जहां पूरी दुनिया सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रही है, वहीं प्रधानमंत्री ने भारत की इस बेटी के प्रति अपनी चिंता और स्नेह व्यक्त किया है।”
स्पेस मिशन और चुनौतियां
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 9 महीने से अधिक समय बिताया है। हालांकि, उनका क्रू-9 मिशन केवल 8 दिनों का था, लेकिन उनके बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में तकनीकी खराबी आने के कारण उन्हें लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहना पड़ा। नासा ने सुरक्षा कारणों से स्टारलाइनर को खाली लौटाने का फैसला किया और अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेसएक्स क्रू कैप्सूल के जरिए वापस लाने का निर्णय लिया।
सुनीता विलियम्स ने एक ईमेल में बताया कि वे पिछले 9 महीनों से जमकर वर्कआउट कर रही हैं, जिससे वे ताकतवर महसूस कर रही हैं। उनकी वापसी को लेकर नासा लगातार नजर बनाए हुए है और मौसम की अनुकूल स्थिति सुनिश्चित कर रहा है। नासा के मुताबिक, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का अंतरिक्ष यान भारतीय समय के अनुसार बुधवार सुबह 3:30 बजे धरती पर लैंड करेगा।
भारत का गर्व और गौरव
सुनीता विलियम्स न केवल एक अंतरिक्ष यात्री हैं, बल्कि वे भारत के लिए गौरव का प्रतीक भी हैं। उनका भारतीय मूल होना और विज्ञान और अंतरिक्ष में उनकी उपलब्धियां भारत के युवाओं के लिए प्रेरणादायक हैं। प्रधानमंत्री मोदी के पत्र से यह स्पष्ट होता है कि भारत उन्हें अपनी बेटी की तरह मानता है और उनकी उपलब्धियों पर गर्व करता है।
जैसे-जैसे उनकी लैंडिंग का समय नजदीक आ रहा है, पूरा भारत और दुनिया उनकी सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रहा है। नासा की टीम उनकी वापसी को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए पूरी तैयारी कर रही है।
सुनीता विलियम्स की यह वापसी न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत और भारतीय मूल के लोगों के लिए गर्व की बात भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उनके प्रति विशेष स्नेह और पत्र ने यह दर्शाया है कि विज्ञान और अनुसंधान में भारत की भागीदारी बढ़ रही है।
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