भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों छह दिवसीय ब्रिटेन और आयरलैंड की यात्रा पर हैं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने ब्रिटेन में चैथलम हाउस में आयोजित एक थिंक टैंक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के दौरान कश्मीर मुद्दे पर जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने तीखा सवाल पूछा, तो विदेश मंत्री ने अपने करारे जवाब से उसकी बोलती बंद कर दी। उनका यह जवाब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और खूब सराहा जा रहा है।
पाकिस्तानी पत्रकार का सवाल और जयशंकर का जवाब
थिंक टैंक कार्यक्रम में एक पाकिस्तानी पत्रकार ने सवाल किया कि कश्मीर का मसला अब तक क्यों नहीं सुलझा? भारत ने अवैध रूप से कश्मीर पर कब्जा कर रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अच्छे संबंध हैं। क्या इन रिश्तों का इस्तेमाल कर कश्मीर समस्या का हल नहीं निकाला जा सकता? कश्मीर में 70 लाख लोग रहते हैं और उन्हें नियंत्रित करने के लिए 10 लाख सुरक्षाबलों की तैनाती है।
इस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बड़ी बेबाकी से जवाब देते हुए कहा, “हमने कश्मीर की समस्या का समाधान निकाल लिया है। इस दिशा में हमने तीन महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पहला, अनुच्छेद 370 को हटाया गया है, जिससे कश्मीर की स्थिति अब स्पष्ट हो गई है। दूसरा, हमने आर्थिक विकास के लिए ठोस कदम उठाए हैं, जिससे जम्मू-कश्मीर में तीव्र गति से तरक्की हो रही है। तीसरा, सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी गई है, जिससे वहां किसी भी तरह के सामाजिक अन्याय की कोई जगह नहीं बची है।”
पाकिस्तान को दी बड़ी नसीहत
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि कश्मीर मुद्दे का हल भारत के लिए अब बाकी नहीं रहा, बल्कि अब पाकिस्तान को अपने अवैध कब्जे वाले हिस्से को भारत को लौटाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “अब कश्मीर का सिर्फ वही हिस्सा बचा है जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है। पाकिस्तान अगर वास्तव में इस मसले को हल करना चाहता है, तो उसे अपने कब्जे वाले हिस्से को भारत को सौंप देना चाहिए।” जयशंकर के इस करारे जवाब के बाद हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।
भारत-चीन संबंधों पर भी रखी बेबाक राय
जब विदेश मंत्री से भारत-चीन संबंधों को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत और चीन के संबंध बहुत ही अनोखे हैं। दोनों देशों की आबादी एक अरब से अधिक है और दोनों का इतिहास भी काफी पुराना है। उन्होंने कहा, “हमारे रिश्तों में उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन हमें अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ना होगा।”
जयशंकर के जवाब का असर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर का यह जवाब न सिर्फ पाकिस्तान के लिए एक कड़ा संदेश था, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अपने आंतरिक मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगा। उनका यह बयान वैश्विक मंच पर भारत की सशक्त और स्पष्ट विदेश नीति को दर्शाता है।
उनका यह करारा जवाब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और लोग इसे खूब सराह रहे हैं। जयशंकर की इस बेबाकी ने यह साबित कर दिया कि भारत अब किसी भी मुद्दे पर मजबूती से अपने पक्ष को रखने में सक्षम है और देश की अखंडता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
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