यूरोपीय देश सर्बिया की संसद में हाल ही में एक अभूतपूर्व घटना देखने को मिली, जब विपक्षी सांसदों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। संसद सत्र के दौरान भारी हंगामा हुआ, जहां विपक्षी दलों ने स्मोक ग्रेनेड और आंसू गैस के गोले फेंक दिए। यह दृश्य टेलीविजन पर लाइव प्रसारित हुआ, जिससे पूरे देश में हड़कंप मच गया।
विवाद का कारण
संसद में सांसदों को एक ऐसे कानून पर मतदान करना था, जो विश्वविद्यालय शिक्षा के लिए धन बढ़ाने से संबंधित था। हालांकि, विपक्षी दलों का कहना था कि यह सत्र पूरी तरह से अवैध है और पहले प्रधानमंत्री मिलोस वुसेविक तथा उनकी सरकार को इस्तीफा देना चाहिए।
संसद में हंगामे की स्थिति
विपक्षी सांसदों के आक्रोश ने सदन को रणभूमि में तब्दील कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने स्मोक ग्रेनेड फेंके, जिससे पूरा सदन काले और गुलाबी धुएं से भर गया। यह दृश्य इतना गंभीर था कि सांसदों के बीच हाथापाई तक की नौबत आ गई। यह पूरी घटना लाइव टेलीविजन प्रसारण के जरिए जनता के सामने आई, जिससे देशभर में तीव्र प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
प्रधानमंत्री मिलोस वुसेविक का विवादित इतिहास
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मिलोस वुसेविक ने जनवरी में ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। यह इस्तीफा उस समय दिया गया था जब अधिकारियों को नवंबर में सर्बिया के उत्तर में एक निर्माणाधीन कंक्रीट छतरी गिरने की घटना को लेकर भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। इस दुर्घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी, और सरकार पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। आलोचकों का कहना था कि यह दुर्घटना भ्रष्टाचार और लापरवाही का प्रत्यक्ष उदाहरण थी।
सरकार और विपक्ष के बीच बढ़ता टकराव
सर्बिया की राजनीति में सरकार और विपक्ष के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि वर्तमान सरकार भ्रष्टाचार और अक्षमता से ग्रसित है, जिससे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है। वहीं, सरकार का कहना है कि विपक्ष अनावश्यक हंगामा कर देश में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है।
आगे की संभावनाएं
इस हंगामे के बाद सर्बिया की राजनीतिक स्थिति और भी जटिल हो गई है। सरकार के खिलाफ जनता के बीच असंतोष बढ़ रहा है, वहीं विपक्ष सरकार पर लगातार दबाव बना रहा है। अगर यह स्थिति बनी रहती है, तो सर्बिया में आगामी चुनावों में बड़ा राजनीतिक परिवर्तन देखने को मिल सकता है।
इस घटना ने सर्बिया की राजनीति को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है, जहां सरकार और विपक्ष के बीच संघर्ष अब और अधिक तीव्र हो सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सर्बिया की सरकार और संसद इस राजनीतिक संकट से कैसे बाहर निकलती है।
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