पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में स्थित एक प्रसिद्ध इस्लामिक मदरसा, जामिया हक्कानिया मदरसा, शुक्रवार को एक भयावह बम विस्फोट का शिकार हो गया। इस दर्दनाक हादसे में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इस हमले में मदरसे के प्रमुख भी घायल हुए हैं। यह मदरसा नौशेरा जिले में स्थित है, जो अपनी धार्मिक शिक्षा के लिए जाना जाता है।
नमाज के दौरान हुआ हमला
यह विस्फोट शुक्रवार की नमाज के दौरान मदरसे के मुख्य हॉल में हुआ, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। विस्फोट के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह एक आत्मघाती हमला था, जिसमें हमलावर ने खुद को बम से उड़ा लिया।
आपातकाल की घोषणा
घटना की गंभीरता को देखते हुए नौशेरा जिले में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। घायलों को निकटतम अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुट गई हैं, ताकि इस हमले के पीछे के साजिशकर्ताओं का पता लगाया जा सके।
मदरसे का ऐतिहासिक महत्व
जामिया हक्कानिया मदरसे की स्थापना सितंबर 1947 में प्रसिद्ध इस्लामिक विद्वान मौलाना अब्दुल हक हक्कानी द्वारा की गई थी। यह मदरसा पाकिस्तान के सबसे पुराने और प्रभावशाली इस्लामिक शिक्षण संस्थानों में से एक माना जाता है, जहां हजारों छात्र धार्मिक शिक्षा प्राप्त करते हैं।
प्रधानमंत्री और मंत्रियों की प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गहरा शोक प्रकट किया और कहा, “आतंकवाद के ऐसे कायराना और जघन्य कृत्य आतंकवाद के खिलाफ हमारे संकल्प को कमजोर नहीं कर सकते। हम देश से आतंकवाद के सभी रूपों को पूरी तरह से मिटाने के लिए दृढ़ हैं।”
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए गहरा दुख और खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करेगी और दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
बलूचिस्तान में भी हुआ था हमला
गौरतलब है कि पिछले महीने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में भी सड़क किनारे एक बम विस्फोट हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। लगातार हो रहे इन आतंकी हमलों ने पाकिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुरक्षा एजेंसियों पर बढ़ा दबाव
इस हमले के बाद पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों पर आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे प्रांतों में पहले भी आतंकी घटनाएं होती रही हैं, लेकिन धार्मिक स्थल को निशाना बनाया जाना बेहद चिंताजनक है।
इस हमले ने पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद की गंभीरता को उजागर किया है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के सामने यह एक बड़ी चुनौती है कि वे ऐसे हमलों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। इस दुखद घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूती से लड़ने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
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