केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वक्फ संशोधन विधेयक को हरी झंडी दे दी है, जिसे आगामी बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद में पेश किया जाएगा। 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलने वाले इस सत्र में विधेयक पर चर्चा होगी। इस विधेयक में वक्फ बोर्ड के प्रबंधन और उसकी संपत्तियों को अधिक पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।
विधेयक के प्रमुख बिंदु
विधेयक का नया नाम: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास विधेयक’ किया गया है।
सदस्यता में बदलाव: राज्य वक्फ बोर्डों में मुस्लिम ओबीसी समुदाय के एक सदस्य को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, बोर्ड में महिलाओं को भी स्थान दिया जाएगा।
गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का प्रस्ताव: इस विधेयक के तहत वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को भी सदस्य बनाया जाएगा, जिससे इसका प्रशासन अधिक समावेशी बनेगा।
संपत्तियों का डिजिटलीकरण: सभी वक्फ संपत्तियों का विवरण छह महीने के भीतर एक केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और संपत्तियों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित होगा।
सीमित संपत्तियां और प्रशासनिक सुधार: वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की सीमा निर्धारित की जाएगी और उनके प्रबंधन के लिए उच्च प्रशासनिक अधिकारी (CIO) नियुक्त किए जाएंगे।
सख्त ऑडिट प्रणाली: ऑडिट प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा ताकि वित्तीय अनियमितताओं को रोका जा सके।
जिलाधिकारी की भूमिका: वक्फ संपत्तियों की देखरेख में जिलाधिकारी की भूमिका को और मजबूत किया जाएगा।
सत्यापन प्रक्रिया अनिवार्य: वक्फ संपत्तियों के दावे को वैध बनाने के लिए सत्यापन प्रक्रिया को अनिवार्य किया जाएगा।
अवैध कब्जों पर रोक: वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जों को रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं।
अनाधिकृत हस्तांतरण पर कड़ी सजा: अगर कोई वक्फ संपत्ति का अनधिकृत रूप से हस्तांतरण करता है तो उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा।
जेपीसी रिपोर्ट और संशोधन
13 फरवरी को जब संसद में वक्फ विधेयक से जुड़ी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की गई, तो विपक्ष ने इस पर जोरदार हंगामा किया। पहले विधेयक में कुल 67 बदलाव प्रस्तावित किए गए थे, जिनमें से भाजपा और सहयोगी दलों के 23 प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया गया, जबकि विपक्ष के 44 प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया। हालांकि, मतदान के बाद सिर्फ 14 संशोधनों को मंजूरी दी गई, जिसे अब केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी स्वीकृति दे दी है।
पुराने कानूनों का स्थान लेगा नया विधेयक
वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 का मुख्य उद्देश्य वक्फ अधिनियम-1995 में संशोधन करना है ताकि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आने वाली समस्याओं को हल किया जा सके। साथ ही, मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक-2024 के तहत मुसलमान वक्फ अधिनियम-1923 को निरस्त करने का प्रस्ताव है। यह कानून ब्रिटिश शासनकाल में बनाया गया था, जो वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुसार पर्याप्त नहीं है। इसके निरस्त होने से वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में एकरूपता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
वक्फ संशोधन विधेयक-2024 एक ऐतिहासिक कदम है, जो वक्फ संपत्तियों के कुशल प्रबंधन और उनके अनधिकृत हस्तांतरण को रोकने में सहायक होगा। इस विधेयक के लागू होने से वक्फ बोर्ड अधिक पारदर्शी, प्रभावी और जवाबदेह बन सकेगा। विपक्ष ने इस विधेयक पर कड़ा रुख अपनाया है, लेकिन सरकार का दावा है कि यह कानून अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा और वक्फ संपत्तियों के सही उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद में इस पर क्या रुख अपनाया जाता है और क्या इसे बिना किसी बाधा के पारित किया जा सकता है।
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