गुरुवार देर रात नेपाल में भूकंप के कई झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 और 5.5 मापी गई। यह झटके नेपाल के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य पड़ोसी राज्यों में भी महसूस किए गए। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में सबसे तेज झटके आए, जिससे वहां के निवासियों में भय का माहौल बन गया।
सिलीगुड़ी में लोगों की प्रतिक्रिया
सिलीगुड़ी के निवासी तरुण चौधरी ने बताया, “मैं सो रहा था, तभी मेरी पत्नी ने मुझे जगाया। हमें भूकंप के झटके महसूस हुए। हमने तुरंत अपने बच्चों को जगाया और सुरक्षित स्थान पर जाने की तैयारी की। पूरी कॉलोनी में लोग जाग गए थे।”
एक अन्य निवासी अभिमान रॉय ने कहा, “हमने देर रात भूकंप के झटके महसूस किए। शुरुआत में डर तो लगा, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।” इस प्रकार, भूकंप ने लोगों को झकझोर दिया, लेकिन सौभाग्य से अब तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है।
नेपाल में भूकंप का प्रभाव
नेपाल के काठमांडू से लगभग 65 किलोमीटर पूर्व में सिंधुपालचौक जिले के कोडारी राजमार्ग पर यह भूकंप आया। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, गुरुवार रात दो बजकर 36 मिनट पर 5.5 तीव्रता का पहला झटका आया, जबकि शुक्रवार तड़के तीन बजकर 51 मिनट पर 6.1 तीव्रता का दूसरा झटका महसूस किया गया।
हालांकि, अब तक किसी बड़े जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है, फिर भी भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी गई है।
भूकंप के दौरान क्या करें और क्या न करें?
भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा के समय सतर्क रहना बहुत आवश्यक है। निम्नलिखित सावधानियां अपनाकर जान-माल की क्षति को कम किया जा सकता है:
अगर आप घर के अंदर हैं:
झुक जाएं, ढक लें और पकड़ लें: किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे शरण लें और मजबूती से पकड़कर बैठें।
दीवारों, खिड़कियों और भारी वस्तुओं से दूर रहें: शीशे और लटकने वाली चीजों से बचें, क्योंकि वे गिर सकती हैं।
किसी कोने में बैठें: यदि टेबल या डेस्क उपलब्ध नहीं है, तो अपने सिर और चेहरे को हाथों से ढक लें और किसी कमरे के कोने में सुरक्षित स्थान लें।
अगर आप घर के बाहर हैं:
खुले स्थान पर रहें: बिल्डिंग, पेड़, स्ट्रीट लाइट और बिजली के तारों से दूर रहें।
निकास द्वारों और बाहरी दीवारों से बचें: अधिकतर चोटें दीवारों के गिरने और टूटने वाले कांच से होती हैं।
अगर आप वाहन चला रहे हैं:
सुरक्षित स्थान पर गाड़ी रोकें: लेकिन बिल्डिंग, पेड़, पुल, और तारों से दूर रहें।
भूकंप रुकने के बाद सावधानी से आगे बढ़ें: सड़क, पुल, और रैम्प क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, इसलिए सतर्कता बरतें।
सतर्क रहें और सुरक्षित रहें
भूकंप एक अप्रत्याशित आपदा है, लेकिन उचित सतर्कता और जागरूकता से इससे बचा जा सकता है। भूकंप के झटकों के तुरंत बाद बाहर निकलने की जल्दबाजी न करें और स्थिति का सही आकलन करने के बाद ही कदम उठाएं।
नेपाल और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। अधिकारियों द्वारा भूकंप के प्रभाव का आकलन किया जा रहा है और जरूरत पड़ने पर आपातकालीन सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी।
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