मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में स्थित श्रद्धा और भक्ति का प्रमुख केंद्र बागेश्वर धाम एक बार फिर आयोजन का साक्षी बनने जा रहा है। 26 जनवरी को यहां छठवें सामूहिक कन्या विवाह महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें 251 कन्याओं का विवाह संपन्न हुआ। इन नवविवाहित कन्याओं में 108 कन्याएं आदिवासी समाज से थीं, जो अत्यंत गरीब और आर्थिक रूप से असमर्थ थीं। आयोजन की भव्य तैयारियां पहले से ही पूरी कर ली गई थीं। संपूर्ण धाम दूधिया रोशनी से जगमगा उठा और मंच स्वर्ण आभा से सुसज्जित किया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की गरिमामयी उपस्थिति
इस विवाह समारोह में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वयं शामिल हुईं, जिससे आयोजन का महत्व और अधिक बढ़ गया।
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का संकल्प पूरा हुआ
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस वर्ष 251 कन्याओं के सामूहिक विवाह का संकल्प लिया था, जो इस शुभ अवसर पर पूर्ण हुआ। विवाह समारोह के साथ ही उन्होंने नवविवाहित जोड़ों को आत्मनिर्भर बनाने की भी पहल की। सभी नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थी का संपूर्ण सामान भेंट किया गया। विशेष रूप से, हर जोड़े को एक आटा चक्की दी गई, ताकि वे अपना घर-खर्च स्वयं निकाल सकें।
धाम परिसर का भव्य स्वरूप
बाईपास से लेकर हेलीपैड तक की सड़क को भव्य रूप से सजाया गया था। संपूर्ण धाम परिसर को आधुनिक एलईडी लाइटों और झूमरों से अलंकृत किया गया। इस बार विशेष रूप से तिरंगा थीम वाली लाइटें लगाई गईं, जो राष्ट्रप्रेम का संदेश दे रही थीं। मंदिर परिसर, यज्ञशाला और अन्य प्रमुख भवन रोशनी से सराबोर थे।
जल आपूर्ति और अन्य व्यवस्थाएं
समारोह स्थल पर जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई थी। 2000 लीटर की 80 टंकियां रखी गईं, साथ ही 80,000 लीटर क्षमता वाली दो विशाल जल टंकियां भी पूर्व में तैयार की गई थीं। इसके अलावा, 60 टैंकरों को जलापूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिससे कथा स्थल, अन्नपूर्णा भवन और अन्य प्रमुख स्थानों पर पानी की कोई समस्या न हो।
भव्य प्रसाद व्यवस्था
सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए विशेष भोज की व्यवस्था की गई। श्रद्धालुओं को दो प्रकार की पूड़ी, तीन प्रकार की सब्जी और शुद्ध देसी घी से बनी पांच प्रकार की मिठाइयां परोसी गईं। यह व्यंजन बारातियों, घरातियों और मेहमानों को विशेष रूप से परोसे गए।
देशभर के संतों का आगमन
इस भव्य विवाह महोत्सव में देशभर के प्रमुख संतों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य महाराज, अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक चिन्मयानंद बापू जी, राज राजेश्वरानंद महाराज (लंदन), डॉ. हनुमान ददरूआ सरकार, इंद्रेश उपाध्याय, राजूदास महाराज (हनुमानगढ़ी, अयोध्या) और गीता मनीषी जी इस अवसर पर बागेश्वर धाम पहुंचे और आयोजन को आशीर्वाद प्रदान किया।
मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
मंगलवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी बागेश्वर धाम पहुंचे। उनके साथ उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और अन्य प्रमुख नेता भी उपस्थित रहे। सभी ने बागेश्वर बालाजी के दर्शन किए और पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा किए जा रहे जनकल्याणकारी कार्यों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा, “कन्यादान सबसे बड़ा दान है। महाराजश्री अपने हाथों से 251 बेटियों का कन्यादान कर रहे हैं, यह हम सभी के लिए गौरव का क्षण है।”
बागेश्वर धाम का संदेश
यह सामूहिक विवाह न केवल धार्मिक और सामाजिक समरसता का प्रतीक बना, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की कन्याओं को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी मिला। बागेश्वर धाम ने इस आयोजन के माध्यम से सहयोग, सेवा और समर्पण का संदेश दिया, जिससे समाज में सकारात्मकता और एकता का भाव और अधिक प्रबल हुआ।
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