गाजा में जारी लंबे संघर्ष के बाद इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम लागू हो गया है। इस समझौते के तहत दोनों पक्ष कैदियों और बंधकों की अदला-बदली कर रहे हैं। शनिवार, 15 फरवरी को इस प्रक्रिया का छठा चरण पूरा होगा, जिसमें हमास तीन इजरायली बंधकों—सागुई डेकेल-चेन, साशा ट्रोफानोव और इएयर हॉर्न को रिहा करेगा, जबकि इजरायल 369 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा। इन कैदियों में से 36 उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
कैसे शुरू हुआ संघर्ष?
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 250 से अधिक इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया गया। इसके जवाब में, इजरायल ने गाजा पर भीषण हमले शुरू किए, जिसमें हमास के कई कमांडरों को मार गिराया गया। इस संघर्ष के चलते हजारों लोगों की जान गई और लाखों लोग विस्थापित हुए।
युद्धविराम समझौता और बंधकों की रिहाई
18 जनवरी 2025 को इजरायल सरकार ने युद्धविराम समझौते को मंजूरी दी, जिसके तहत 19 जनवरी से सीजफायर लागू हुआ। इस समझौते के अंतर्गत कुल 42 दिनों तक बंधकों और कैदियों की अदला-बदली की जाएगी। अब तक हमास 21 बंधकों को रिहा कर चुका है, जबकि इजरायल 730 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर चुका है। शनिवार को इजरायल 369 और कैदियों को छोड़ने वाला है, जिसमें 333 गाजा वापस भेजे जाएंगे, 10 को वेस्ट बैंक और एक को पूर्वी यरूशलम भेजा जाएगा। 25 अन्य कैदियों को या तो गाजा या मिस्र के जरिए विदेश भेजा जाएगा।
अब भी 76 इजरायली बंधक हमास के कब्जे में
इस समझौते से पहले, हमास ने सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों के बदले 33 इजरायली बंधकों को रिहा करने पर सहमति जताई थी। इनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे। पहले ही चरण में 16 इजरायली नागरिकों और 5 थाईलैंड के नागरिकों को छोड़ा गया था। अब भी लगभग 76 बंधक हमास के कब्जे में हैं, जिनमें से केवल आधे के जिंदा होने की संभावना जताई जा रही है।
क्या यह शांति की ओर एक कदम है?
इजरायल और हमास के बीच यह युद्धविराम एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह स्थायी शांति की ओर बढ़ेगा या नहीं। दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से चला आ रहा यह संघर्ष जमीनी सच्चाई और राजनीतिक समीकरणों पर निर्भर करेगा। फिलहाल, बंधकों और कैदियों की रिहाई एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है।
Discussion about this post