भारत के सैन्य ताकत को और अधिक सशक्त बनाने के लिए दुनिया के दो बड़े रक्षा निर्माता – अमेरिका और रूस – अपनी-अपनी पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट्स भारत को बेचने की पेशकश कर रहे हैं। हाल ही में ‘एयरो इंडिया-2025’ में रूस का Su-57 और अमेरिका का F-35 लाइटनिंग-II भारतीय आसमान में अपनी ताकत दिखा चुके हैं। यह पहली बार हुआ है जब दो प्रमुख सैन्य महाशक्तियां भारत को अपने अत्याधुनिक स्टेल्थ फाइटर जेट्स देने की होड़ में हैं।
रूस का प्रस्ताव: Su-57E
रूस की प्रमुख रक्षा निर्यातक कंपनी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट ने भारत को Su-57 के एक्सपोर्ट वर्जन यानी Su-57E की पेशकश की है। इसमें केवल फ्लाई-अवे कंडीशन ही नहीं, बल्कि साझा उत्पादन का विकल्प भी शामिल है। Su-57 पांचवी पीढ़ी का मल्टी-रोल स्टेल्थ फाइटर जेट है, जिसे रूस की सुखोई कंपनी ने विकसित किया है। यह सुपरसोनिक क्रूज़ स्पीड, उन्नत एवियोनिक्स, और आधुनिक हथियार प्रणालियों से लैस है।
अमेरिका की पेशकश: F-35 लाइटनिंग-II
दूसरी ओर, अमेरिका ने भी भारत को अपने अत्याधुनिक F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट देने की पेशकश की है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस डील का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका भारत के साथ मिलिट्री सेल को कई बिलियन डॉलर तक बढ़ाने की योजना बना रहा है। लॉकहीड मार्टिन द्वारा विकसित F-35 अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है और विभिन्न लड़ाकू अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड और इंटेलिजेंस मिशनों को प्रभावी तरीके से संभाल सकता है।
F-35 बनाम Su-57: कौन बेहतर?
विशेषताएँ
F-35 लाइटनिंग-II
Su-57E
निर्माता
लॉकहीड मार्टिन (अमेरिका)
सुखोई (रूस)
इंजन
सिंगल इंजन
ट्विन इंजन
स्पीड
1.6 मैक
2.0 मैक
स्टेल्थ क्षमता
बेहतरीन स्टेल्थ फीचर्स
बेहतर सुपरक्रूज़ स्टेल्थ
अधिकतम उड़ान ऊंचाई
50,000 फीट
65,000 फीट
अधिकतम रेंज
2200 किमी
3500 किमी
हथियार प्रणाली
AIM-120 AMRAAM, एंटी-शिप मिसाइल, 25mm गन
R-77, R-74 मिसाइलें, 30mm गन
भारत की स्थिति: क्या फैसला लेगा भारत?
हालांकि अमेरिका और रूस दोनों ने भारत को अपने फाइटर जेट्स की पेशकश की है, लेकिन भारत ने अभी तक किसी भी सौदे को अंतिम रूप नहीं दिया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी सैन्य प्लेटफॉर्म की खरीद के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया होती है, जिसमें रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी किया जाता है। उसके बाद विभिन्न कंपनियों की प्रतिक्रियाएं आती हैं और उनका मूल्यांकन किया जाता है।
क्या भारत को पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट लेना चाहिए?
भारत वर्तमान में अपने तेजस मार्क-2 और अम्का (AMCA) प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है, जो देश के स्वदेशी फाइटर जेट प्रोग्राम को मजबूत करेगा। हालांकि, जब तक स्वदेशी विकल्प पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाता, तब तक भारत को अपने सामरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी विश्वसनीय विदेशी प्लेटफॉर्म पर विचार करना पड़ सकता है।
भारत के लिए यह सौदा केवल एक फाइटर जेट खरीदने का मामला नहीं है, बल्कि यह रणनीतिक साझेदारी का संकेत भी देगा। क्या भारत अमेरिका से F-35 खरीदेगा या रूस के Su-57 को प्राथमिकता देगा? या फिर भारत अपने स्वदेशी प्रोजेक्ट्स पर भरोसा करेगा? यह देखना दिलचस्प होगा।
Discussion about this post