14 फरवरी 2019, एक ऐसा दिन जिसे भारतीय इतिहास में काले अक्षरों से लिखा जाएगा। यही वह दिन था जब आतंकवादियों ने पुलवामा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर घातक हमला किया। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। आज, इस दिन को चार साल हो गए हैं, और भारतीय नेतृत्व के प्रति शहीदों की श्रद्धांजलि और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को एक बार फिर से देखा गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भावुक संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “हमने जिन साहसी नायकों को खोया, उन्हें श्रद्धांजलि। आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान और राष्ट्र के प्रति उनके अटूट समर्पण को कभी नहीं भूलेंगी।” प्रधानमंत्री ने यह संदेश ‘एक्स’ प्लेटफॉर्म पर साझा किया, जिससे पूरे देश में शहीदों के प्रति सम्मान और श्रद्धा का संदेश फैल गया।
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान एक दृढ़ संकल्प और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गया है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि हमले में शहीद हुए जवानों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा, और हम आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिबद्धता
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पुलवामा हमले के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की कठोर नीति का उल्लेख करते हुए कहा, “हम आतंकवादियों के समूल नाश के लिए कृतसंकल्पित हैं। आतंकवाद को हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
शाह ने यह भी कहा कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है, और इस पर पूरी दुनिया एकजुट है। चाहे वह सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक, मोदी सरकार ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ अपनी शून्य सहिष्णुता नीति को लागू किया है।
आतंकवाद के खिलाफ भारतीय जवाबी कार्रवाई
पुलवामा हमले के बाद भारत ने अपनी सशस्त्र सेनाओं के द्वारा त्वरित और सशक्त जवाबी कार्रवाई की। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के आतंकी प्रशिक्षण शिविरों पर बमबारी कर अपने जवानों की शहादत का प्रतिशोध लिया। इस एयर स्ट्राइक को भारतीय सेना की ताकत और आतंकवादियों के खिलाफ सख्त नीति के प्रतीक के रूप में देखा गया।
आतंकवाद के खिलाफ सरकार की नीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सरकार की नीति है कि आतंकवादियों और उनके समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, और इस उद्देश्य के लिए भारत को हर संभव सहयोग मिलेगा।
यह हमले के बाद भारत ने आतंकवादियों के खिलाफ अपनी स्थिति को और भी मजबूत किया है और भारत का आत्मविश्वास इस संघर्ष में पहले से कहीं अधिक बढ़ा है।
राष्ट्र की एकता और शहादत का सम्मान
आज जब हम पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, तो यह केवल उन 40 शहीदों की याद नहीं है, बल्कि यह एक मजबूत संदेश है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कभी झुकने वाला नहीं है। हमारी सेनाएं, हमारी सरकार, और हमारे नागरिक इस लड़ाई में एकजुट हैं।
पुलवामा हमले की यह घटना हमसे यह सिखाती है कि हम अपने राष्ट्र के सुरक्षा बलों की सर्वोत्तम शक्ति को कभी कम न आंकें और उनके बलिदान को सदा याद रखें।
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