आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सभी विधायकों से एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि अब उनके पास पंजाब पर अधिक ध्यान देने के लिए पर्याप्त समय रहेगा और वे राज्य के विकास के लिए विशेष रूप से काम करेंगे।
पंजाब को जीतना प्राथमिकता
दिल्ली में आप की हार के बावजूद केजरीवाल ने अपने विधायकों का मनोबल बढ़ाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि पंजाब में पार्टी की जीत हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और राज्य के लोगों से किए गए हर वादे को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने विधायकों को निर्देश दिया कि वे सरकार की योजनाओं को सही तरीके से लागू करें और यदि कोई अड़चन आती है, तो उन्हें तुरंत सूचित करें।
केजरीवाल ने विधायकों को स्पष्ट संदेश दिया कि यदि कोई अधिकारी उनकी बात नहीं सुनता है, तो इसकी जानकारी भी उन्हें दी जाए, ताकि तत्काल समाधान निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि दिल्ली की हार से निरुत्साहित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पार्टी ने चुनाव में पूरी ताकत से मुकाबला किया और अच्छे मुद्दों के साथ चुनाव लड़ा।
भगवंत मान का हौसला बढ़ाने वाला संदेश
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी विधायकों को संबोधित किया और कहा कि दिल्ली की हार से निराश होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने अपने 2012 के पहले चुनाव में हार का उदाहरण देते हुए कहा कि तब उन्हें भी ऐसा महसूस हुआ था कि सब कुछ खत्म हो गया है, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। दो साल बाद, पंजाब के लोगों ने उन्हें एक लाख से अधिक मतों से जीत दिलाकर संसद में भेजा। उन्होंने यह भी कहा कि जनता का विश्वास और कड़ी मेहनत ही किसी भी नेता की असली ताकत होती है।
भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी जमीन से उठी हुई पार्टी है, जिसे कार्यकर्ताओं ने अपने खून-पसीने से सींचा है। यह पार्टी गलियों और मोहल्लों में जाकर जनता के मुद्दों को समझती है और उन्हें हल करने की गारंटी देती है। उन्होंने विधायकों को आत्मविश्वास बनाए रखने और पंजाब में पार्टी की मजबूती पर ध्यान देने का आग्रह किया।
कांग्रेस पर सीधा प्रहार
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा पर सीधा कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार से वे लोग ज्यादा खुश हैं, जिन्हें लगातार तीन बार वहां शून्य मिला है। उन्होंने कहा कि बाजवा पिछले करीब तीन वर्षों से इसी उम्मीद में बैठे हैं कि आप के विधायक टूटकर कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह कांग्रेस का कल्चर हो सकता है, लेकिन आम आदमी पार्टी के विधायकों का नहीं।
आगे की राह
दिल्ली में हार के बावजूद, केजरीवाल और भगवंत मान का यह आत्मविश्वास दिखाता है कि आम आदमी पार्टी पंजाब में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। केजरीवाल का फोकस अब पंजाब पर अधिक रहेगा और वे सुनिश्चित करेंगे कि राज्य में विकास कार्य तेजी से हो। इस बैठक के बाद पार्टी के विधायकों में भी नया जोश देखा गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आप पंजाब में अपनी पकड़ और मजबूत करने के लिए तैयार है।
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