4 फरवरी 2025 को भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर महाकुंभ की दिव्यता का अनुभव किया। इस ऐतिहासिक मौके पर उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे, जिन्होंने संगम में स्नान करते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं। इस दौरान दोनों भगवा रंग में सज्जित नजर आए, जो एकता और धार्मिक आस्थाओं के प्रतीक के रूप में सामने आया।
सीएम योगी ने अपने पोस्ट में संस्कृत श्लोक के माध्यम से प्रयागराज को ‘तीर्थस्थलों का राजा’ बताया और लिखा, “महाकुंभ-2025, प्रयागराज में आज भूटान के महामहिम नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक जी ने पवित्र त्रिवेणी संगम में पावन स्नान कर पुण्य प्राप्त किया।” इस श्लोक में प्रयागराज की धार्मिक महत्ता और महाकुंभ की विशिष्टता को शब्दों में बखूबी पिरोया गया है।
संगम में स्नान के बाद, भूटान के राजा ने मां गंगा की पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने अक्षय वट और लेटे हुए हनुमान जी के दर्शन किए और उनका पूजन किया। इस धार्मिक यात्रा ने भूटान और भारत के बीच रिश्तों को और मजबूत किया। भूटान के राजा का यह दौरा महाकुंभ की दिव्यता और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने महाकुंभ की डिजिटल सुविधाओं को देखने के लिए प्रयागराज में स्थित ‘डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र’ का भी दौरा किया। इस केंद्र ने महाकुंभ के डिजिटल स्वरूप का अवलोकन कर भूतकाल और वर्तमान के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण को उजागर किया, जिससे एक नई पीढ़ी को इस ऐतिहासिक धार्मिक घटना से जोड़ा जा सके।
इसके पहले, भूटान के राजा 3 फरवरी को लखनऊ पहुंचे, जहां उनका स्वागत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत के बाद, राजा ने लखनऊ के राजभवन में रात्रिभोज का आनंद लिया। इस आयोजन में भूटान के प्रतिनिधिमंडल, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख अधिकारी और विशिष्ट अतिथि शामिल हुए।
भूटान के राजा का यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दोनों देशों के सांस्कृतिक और राजनीतिक रिश्तों को भी और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
Discussion about this post