आज, 23 जनवरी, महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, और विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साहस, निडरता और देशभक्ति के प्रतीक स्वरूप आज यह दिन ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है। आइए, नेताजी के जीवन और योगदान पर एक नज़र डालें।
पीएम मोदी ने किया नेताजी को नमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी का योगदान अद्वितीय है। वह साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।” पीएम मोदी ने कहा कि हम उनके सपनों के भारत के निर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं।
अमित शाह ने सराहा नेताजी का साहस
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “नेताजी सुभाष चंद्र बोस अदम्य साहस, दृढ़ संकल्प और निडरता की प्रतिमूर्ति थे।” उन्होंने याद किया कि आजाद हिंद फौज का गठन कर नेताजी ने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी थी। शाह ने उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक आदर्श बताया और उनकी देशभक्ति और त्याग को हमेशा याद रखने की बात कही।
राहुल गांधी ने नेताजी के संघर्ष को किया सलाम
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “नेताजी का नेतृत्व, साहस, और सामाजिक न्याय के प्रति उनका संघर्ष आज भी हर भारतीय को प्रेरित करता है।” उन्होंने नेताजी को “मां भारती के अमर सपूत” के रूप में नमन करते हुए उनके योगदान को सराहा।
ओडिशा में भव्य समारोह
नेताजी की जन्मस्थली, ओडिशा के कटक जिले में स्थित बाराबती किले में पराक्रम दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय भव्य समारोह का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी करेंगे।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं
पीएम मोदी का वीडियो संदेश।
नेताजी के जीवन पर केंद्रित पुस्तक और फोटो प्रदर्शनी।
दुर्लभ तस्वीरों, पत्रों और दस्तावेजों का प्रदर्शन।
उनकी उल्लेखनीय यात्रा पर आधारित एआर/वीआर डिस्प्ले।
नेताजी के घर पर फहराया जाएगा राष्ट्रीय ध्वज
नेताजी के जन्मस्थान, जिसे अब संग्रहालय में बदल दिया गया है, पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा।
अन्य गतिविधियां
सांस्कृतिक प्रदर्शन, जो नेताजी की विरासत और ओडिशा की सांस्कृतिक परंपरा को उजागर करेंगे।
नेताजी के जीवन पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन।
मूर्तिकला कार्यशाला और चित्रकला प्रतियोगिता।
केंद्र सरकार की पहल: पराक्रम दिवस
केंद्र सरकार ने 2021 में 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में नामित किया। यह कदम नेताजी के अद्वितीय योगदान को सम्मानित करने और नई पीढ़ी को उनके साहस और नेतृत्व से प्रेरित करने के लिए उठाया गया। 2021 में पहला पराक्रम दिवस कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित किया गया था।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन साहस, नेतृत्व, और देशभक्ति का जीवंत प्रतीक है। उनका त्याग और संघर्ष हमें सिखाते हैं कि दृढ़ निश्चय और आत्मबल के साथ हर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। पराक्रम दिवस हमें उनकी प्रेरणादायक यात्रा को याद करने और उनके सपनों के भारत को साकार करने की दिशा में काम करने का अवसर देता है। आइए, हम इस दिन नेताजी की विरासत को सलाम करें और उनके आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करें।
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