उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम हुए एक दुखद रेल हादसे में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए। यह दुर्घटना तब हुई, जब 12533 लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह से घबराए यात्री बगल की पटरियों पर कूद गए और विपरीत दिशा से आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।
घटना का विवरण दुर्घटना जलगांव जिले के पचोरा कस्बे के पास माहेजी और परधाड़े स्टेशनों के बीच शाम करीब 4:45 बजे हुई। पुष्पक एक्सप्रेस के रुकने के बाद कुछ यात्रियों ने ट्रेन से धुआं निकलता देखा और अफरा-तफरी मच गई। आग लगने के डर से यात्री पटरियों पर कूदने लगे, लेकिन बगल की पटरी पर कर्नाटक एक्सप्रेस आ रही थी, जिसने कई यात्रियों को कुचल दिया।
क्या थी अफवाह की वजह? रेलवे अधिकारियों के अनुसार, पुष्पक एक्सप्रेस के सामान्य डिब्बे में ‘हॉट एक्सल’ या ‘ब्रेक बाइंडिंग’ की समस्या थी, जिससे चिंगारी और हल्का धुआं निकल रहा था। हालांकि, ट्रेन में कोई आग नहीं लगी थी। घबराए यात्रियों ने आपातकालीन चेन खींच दी, जिससे ट्रेन रुक गई और यह हादसा हो गया।
दुर्घटना के बाद का घटनाक्रम दुर्घटना के तुरंत बाद पुष्पक एक्सप्रेस को 15 मिनट में रवाना कर दिया गया और कर्नाटक एक्सप्रेस को 20 मिनट के भीतर ट्रैक से हटा दिया गया। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे पर दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख और घायलों को समुचित सहायता राशि देने की घोषणा की। रेलवे बोर्ड ने भी मृतकों के परिजनों को ₹1.5 लाख, गंभीर रूप से घायलों को ₹50,000 और मामूली रूप से घायल लोगों को ₹5,000 की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावोस से इस हादसे पर दुख व्यक्त किया और रेलवे बोर्ड को विस्तृत जांच के निर्देश दिए। उन्होंने घायलों के उचित इलाज सुनिश्चित करने की बात कही।
कैसे हुआ हादसा? रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, हादसे की मुख्य वजह घुमावदार ट्रैक और कर्नाटक एक्सप्रेस की तेज रफ्तार थी। पुष्पक एक्सप्रेस के ड्राइवर ने घटनास्थल पर फ्लैशर लाइट चालू कर दी थी, जिसे देखकर कर्नाटक एक्सप्रेस के ड्राइवर ने ब्रेक लगाए, लेकिन ट्रैक के घुमावदार होने के कारण वह समय पर ट्रेन नहीं रोक पाए।
चश्मदीदों की कहानी एक यात्री ने मराठी समाचार चैनल को बताया कि जब ट्रेन में ब्रेक लगाए गए तो कुछ यात्रियों ने पहियों से चिंगारियां निकलते देखीं। इसी घबराहट में उन्होंने चेन खींच दी और पटरियों पर कूद गए। स्थानीय निवासी सलमान पठान ने बताया कि उन्होंने पटरियों पर क्षत-विक्षत शव देखे।
रेलवे की जिम्मेदारी और जांच मध्य रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त दुर्घटना के कारणों की जांच करेंगे। प्रारंभिक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि दोनों ट्रेनों के ड्राइवरों ने प्रोटोकॉल का पालन किया था और हादसा बचाने की पूरी कोशिश की थी।
यह हादसा यात्री सुरक्षा और जागरूकता की कमी का दर्दनाक उदाहरण है। रेलवे और सरकार को ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा मानकों को और सख्त करना होगा और यात्रियों को सही जानकारी देने के लिए प्रभावी संचार तंत्र विकसित करना होगा।
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