इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष में आखिरकार युद्ध विराम (Israel Hamas Ceasefire) हो गया है। इस युद्ध विराम के तहत एक ऐतिहासिक समझौता हुआ, जिसमें दोनों पक्षों ने बंधकों की अदला-बदली की। इस समझौते के तहत हमास ने तीन इजरायली लड़कियों को रिहा किया, जबकि इजरायल ने 90 फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया।
बंधकों की रिहाई
हमास द्वारा रिहा की गई तीन लड़कियां – रोमी गोनेन, एमिली डेमारी और डोरोन स्टीनब्रीचर – अपनी-अपनी माताओं से मिल चुकी हैं। इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने पुष्टि की कि रिहा किए गए बंधक मेडिकल जांच के लिए अस्पताल पहुंच गए हैं। इनमें ब्रिटिश-इजरायली एमिली डेमारी भी शामिल हैं, जो हमास की कैद में 471 दिनों तक रहीं। एमिली की मां ने भावुक होकर कहा, “471 दिनों के बाद मेरी बेटी आखिरकार घर आ गई। मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करती हूं, जिन्होंने उसकी रिहाई के लिए प्रयास किए।”
डोरोन स्टीनब्रीचर के परिवार ने भी इस मौके पर राहत जताई और कहा, “हमारी डोडो 471 कठिन दिनों के बाद हमारे पास लौट आई है। इस मुश्किल घड़ी में हमारा साथ देने वाले इजरायल के लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का धन्यवाद।”
रोमी गोनेन ने अपनी मां से मिलते समय भावुक होकर कहा कि जो लोग अभी भी हमास की कैद में हैं, उनके परिवार के साथ वह खड़ी रहेंगी। रोमी नोवा फेस्टिवल के दौरान हमास की गिरफ्त में आ गई थीं।
गाजा में संघर्ष की भयावहता
गाजा में 15 महीने से ज्यादा चले इस संघर्ष ने भयानक तबाही मचाई। इस दौरान 46,913 फलस्तीनी नागरिकों की जान गई। गाजा का बड़ा हिस्सा खंडहर में तब्दील हो गया है। लगातार बमबारी और गोलाबारी के कारण मलबे में दबे हजारों शवों को निकालने का समय किसी को नहीं मिला।
समझौते पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीन इजरायली लड़कियों की रिहाई का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह युद्ध विराम शांति और मानवता की ओर एक कदम है। ब्रिटेन और अन्य अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने भी इस कदम की सराहना की।
संघर्ष का मानवाधिकारों पर असर
गाजा के नागरिक इस लंबे संघर्ष के सबसे बड़े पीड़ित बने। बच्चों और महिलाओं पर हुए हमलों ने मानवता को झकझोर दिया। बुनियादी सुविधाओं की कमी, भोजन की आपूर्ति में बाधा और चिकित्सा सेवाओं का अभाव यहां के नागरिकों के लिए बड़ी चुनौती बनी रही।
इजरायल और हमास के बीच हुआ यह युद्ध विराम एक सकारात्मक कदम है, लेकिन गाजा और इजरायल के नागरिकों को स्थायी शांति और सुरक्षा की जरूरत है। बंधकों की रिहाई ने जहां कई परिवारों में खुशियां लौटाई हैं, वहीं गाजा में संघर्ष के कारण हुए नुकसान की भरपाई करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इस संघर्ष से जुड़े सभी पक्षों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस प्रकार की हिंसा और तबाही न हो।
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