सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं। इस यात्रा में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर भारत और सिंगापुर के द्विपक्षीय संबंधों को और गहराई देने पर चर्चा की। उनकी यात्रा विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत और सिंगापुर के राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।
ओडिशा दौरे पर विशेष ध्यान थर्मन शनमुगरत्नम अपनी यात्रा के हिस्से के रूप में 28 और 29 जनवरी को ओडिशा के दौरे पर जाएंगे। इस दौरान वह कोणार्क सूर्य मंदिर, वैक्सीन निर्माण संयंत्र, और भुवनेश्वर में विश्व कौशल केंद्र का दौरा करेंगे। यह दौरा आगामी “उत्कर्ष ओडिशा: मेक-इन-ओडिशा सम्मेलन” से पहले हो रहा है, जिससे राज्य में निवेश और कौशल विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी और थर्मन के बीच चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने डिजिटलीकरण, सेमीकंडक्टर उत्पादन, कौशल विकास और रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की। थर्मन ने भारत को सिंगापुर का स्वाभाविक साझेदार बताते हुए कहा कि सिंगापुर भारत में सबसे बड़ा निवेशक है और यह साझेदारी रक्षा, उन्नत विनिर्माण, और नेट जीरो औद्योगिक पार्कों जैसे क्षेत्रों में नए आयाम जोड़ रही है।
राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात और विशेष स्मारक लोगो का अनावरण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के दौरान थर्मन ने गार्ड ऑफ ऑनर लिया और दोनों ने भारत-सिंगापुर की 60वीं वर्षगांठ का प्रतीक विशेष स्मारक लोगो का अनावरण किया। यह लोगो भारत और सिंगापुर के झंडों के रंगों के साथ कमल और आर्किड जैसे प्रतीकों को दर्शाता है। यह दोनों देशों के बीच स्थायी और गहरे संबंधों का प्रतीक है।
वित्त मंत्री से मुलाकात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बातचीत में थर्मन ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर जोर दिया। सीतारमण ने इस मुलाकात को गौरवपूर्ण बताते हुए कहा कि सिंगापुर के साथ भारत के संबंध उसके आर्थिक और रणनीतिक विकास में सहायक हैं।
सिंगापुर और भारत के ऐतिहासिक संबंध थर्मन ने 1965 में सिंगापुर की स्वतंत्रता को भारत द्वारा मान्यता दिए जाने के ऐतिहासिक पल को याद किया और कहा कि छोटे देश सिंगापुर और बड़े देश भारत के बीच यह स्वाभाविक साझेदारी है। दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में परिवर्तित करने के लिए कदम उठाए हैं।
भारत की महत्वाकांक्षा में सिंगापुर का योगदान थर्मन ने कहा कि सिंगापुर भारत को विकसित देश बनाने की उसकी महत्वाकांक्षा में निवेश कर रहा है। उन्नत विनिर्माण, नए उद्योग, और कौशल विकास में सहयोग इन संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएगा।
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