भारत और श्रीलंका ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने के लिए भविष्यगामी दृष्टिकोण अपनाते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। दोनों देशों ने जल्द ही रक्षा सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने और ऊर्जा क्षेत्र में बिजली ग्रिड कनेक्टिविटी एवं बहु-उत्पाद पेट्रोलियम पाइपलाइनों की स्थापना पर सहमति जताई है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायका इन दिनों भारत के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच व्यापक वार्ता हुई, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के लिए कई निर्णय लिए गए।
भविष्य के लिए साझेदारी के प्रमुख पहलू मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि भारत-श्रीलंका आर्थिक साझेदारी को निवेश आधारित विकास और कनेक्टिविटी के जरिए और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भौतिक, डिजिटल और ऊर्जा कनेक्टिविटी इस सहयोग के मुख्य स्तंभ होंगे।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि भारत श्रीलंका के बिजली संयंत्रों को तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) की आपूर्ति करेगा। साथ ही, बिजली ग्रिड कनेक्टिविटी और बहु-उत्पाद पेट्रोलियम पाइपलाइनों की स्थापना पर भी तेजी से काम किया जाएगा। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए रामेश्वरम और तलाईमनार के बीच एक नौका सेवा शुरू करने का फैसला लिया गया।
रक्षा सहयोग को नया आयाम पीएम मोदी ने कहा, “भारत और श्रीलंका के सुरक्षा हित आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं। हमने जल्द ही रक्षा सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने का निर्णय लिया है।” इसके अलावा, हाइड्रोग्राफी में सहयोग के लिए भी एक समझौता हुआ है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को मजबूत करेगा।
मछुआरों के मुद्दे पर मानवीय दृष्टिकोण वार्ता में मछुआरों के विवादित मुद्दे पर भी चर्चा हुई। पीएम मोदी ने कहा, “हमने मछुआरों की आजीविका से जुड़े मामलों पर गंभीरता से विचार किया और सहमति जताई कि इस मुद्दे को मानवीय दृष्टिकोण के साथ सुलझाया जाना चाहिए।”
तमिल समुदाय और सहयोग पर जोर प्रधानमंत्री ने तमिल समुदाय के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को उम्मीद है कि श्रीलंका सरकार उनके अधिकारों और आकांक्षाओं को पूरा करेगी।
आर्थिक सहयोग और भारत की सहायता प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने अब तक श्रीलंका को 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण और अनुदान सहायता प्रदान की है। उन्होंने कहा, “हम श्रीलंका के सभी 25 जिलों में विकास परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। हमारी सभी परियोजनाओं का चयन श्रीलंका की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर किया जाता है।”
इस दौरे ने दोनों देशों के बीच आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त किया है, जिससे दक्षिण एशिया में स्थिरता और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
Discussion about this post