इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद में वकीलों की हड़ताल पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने कहा है कि किसी भी परिस्थिति में अदालत के दरवाजे न्याय के लिए बंद नहीं हो सकते। वादकारियों को न्याय के लिए भटकने नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने अधिवक्ताओं से अपील की है कि वे वादकारियों को अदालत आने से न रोकें। यदि ऐसा होता है, तो वादकारी अपनी बहस खुद पेश कर सकते हैं, और उन्हें जिला जज के परामर्श से पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
यह टिप्पणी न्यायमूर्ति अजित कुमार ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए की। मामले में याचिकाकर्ता को किरायेदारी विवाद के कारण हाईकोर्ट का रुख करना पड़ा, क्योंकि वकीलों की हड़ताल के चलते अपील दाखिल नहीं हो पा रही थी। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता दो सप्ताह में अपील दाखिल करे और संबंधित अधिकारी एक सप्ताह में उसे निस्तारित करें।
हड़ताल समाप्ति की घोषणा गाजियाबाद बार एसोसिएशन ने बुधवार को वकीलों की हड़ताल समाप्त करने का ऐलान किया। यह निर्णय जिला जज अनिल कुमार के साथ वार्ता के बाद लिया गया। जज ने वकीलों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का आश्वासन दिया और भरोसा दिलाया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी। इसके परिणामस्वरूप, 29 अक्तूबर से हड़ताल पर चल रहे वकील गुरुवार से न्यायिक कार्य में वापस लौट आएंगे।
आश्वासन और निर्णय न्यायिक अधिकारियों ने सुनिश्चित किया है कि 12 और 13 दिसंबर को किसी भी पत्रावली पर प्रतिकूल प्रविष्टियां दर्ज नहीं की जाएंगी। एसोसिएशन ने यह भी स्पष्ट किया कि न्यायिक प्रक्रियाओं में आने वाली समस्याओं को भविष्य में बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाएगा।
इस घटनाक्रम से न्यायिक कार्यप्रणाली को सुचारु रूप से बहाल करने में मदद मिलेगी।
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