दिल्ली:- आज सुबह राष्ट्रीय राजधानी में स्थित 40 से अधिक स्कूलों को ई-मेल के माध्यम से बम धमकी मिलने के बाद हड़कंप मच गया। आरके पुरम स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल और पश्चिम विहार के जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल समेत कई प्रतिष्ठित संस्थानों को धमकी भरे ई-मेल प्राप्त हुए। धमकी के बाद स्कूल प्रशासन ने तुरंत पुलिस को सूचित किया और छात्रों को घर भेजने का निर्णय लिया।
धमकी में फिरौती की मांग दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी कि ई-मेल में लिखा गया था कि स्कूल की इमारतों में कई छोटे बम लगाए गए हैं, जो अच्छी तरह से छिपाए गए हैं। धमकी देने वाले ने कहा कि बम विस्फोट से इमारत को अधिक नुकसान नहीं होगा, लेकिन कई लोग घायल हो सकते हैं। धमकी देने वाले ने 30,000 डॉलर की मांग करते हुए लिखा कि अगर यह राशि नहीं दी गई तो बमों को ब्लास्ट कर दिया जाएगा।
यह ई-मेल 8 दिसंबर की रात करीब 11:38 बजे भेजा गया था। मदर मैरी स्कूल, ब्रिटिश स्कूल, सलवान पब्लिक स्कूल और कैम्ब्रिज स्कूल जैसे कई अन्य प्रमुख स्कूल भी निशाने पर थे।
स्कूल प्रशासन और पुलिस की सतर्कता सुबह करीब 7 बजे इस धमकी की सूचना दिल्ली दमकल विभाग को दी गई। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। सभी स्कूलों को खाली करवाया गया, और बम निरोधक दस्ते ने इमारतों की गहन जांच की।
एक महीने के भीतर दूसरी घटना यह घटना एक महीने के भीतर दूसरी बार हुई है जब दिल्ली और अन्य शहरों के स्कूलों को बम धमकियां मिली हैं। 21 अक्टूबर की रात तमिलनाडु के एक सीआरपीएफ स्कूल को ऐसी ही धमकी मिली थी, जिसके बाद देशभर में सभी संबद्ध स्कूलों को सतर्क कर दिया गया था। हालांकि वह धमकी झूठी साबित हुई थी।
20 अक्टूबर को दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में एक सीआरपीएफ स्कूल की दीवार पर विस्फोट हुआ था, जिसमें एक खालिस्तानी समर्थक समूह ने टेलीग्राम पर जिम्मेदारी ली थी। इस विस्फोट से आसपास की दुकानें और वाहन क्षतिग्रस्त हुए थे, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ था।
राजनीतिक प्रतिक्रिया दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली की आलोचना करते हुए इसे गंभीर सुरक्षा चूक बताया। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में तत्काल ध्यान देने की अपील की है।
स्थिति नियंत्रण में, जांच जारी दिल्ली पुलिस ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां ई-मेल की उत्पत्ति का पता लगाने और दोषियों को पकड़ने के लिए साइबर विशेषज्ञों की मदद ले रही हैं।
Discussion about this post