उत्तर भारत में हल्की ठंड ने दस्तक दे दी है, और शीतलहर के चलते अब दिन के साथ-साथ रातें भी ठंडी होती जा रही हैं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में मौसम के और सख्त होने की संभावना जताई है। 8 दिसंबर, 2024 से सक्रिय होने वाले नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी हिमालय और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है। इस रिपोर्ट में, हम आपको सर्दी के बदलते रुख, कश्मीर घाटी की कठिन परिस्थितियों, उत्तराखंड के संभावित मौसमीय बदलाव और प्रदूषण स्तर में सुधार की विस्तृत जानकारी देंगे।
कश्मीर घाटी में सर्दी का सितम कश्मीर घाटी में ठंड ने अपना चरम दिखाना शुरू कर दिया है। पूरे क्षेत्र में हड्डियां कंपा देने वाली ठंड महसूस की जा रही है। बीती रात श्रीनगर में न्यूनतम तापमान माइनस 4.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सर्दी की अब तक की सबसे ठंडी रात रही। वहीं, शोपियां माइनस 6.6 डिग्री के साथ सबसे ठंडा स्थान रहा। यह तापमान पहलगाम और गुलमर्ग जैसे पारंपरिक ठंडे इलाकों से भी कम है।
डल झील समेत घाटी के अधिकांश जलस्रोत आंशिक रूप से जम चुके हैं, जिससे लोगों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। नलों में जमा पानी दोपहर तक पिघल नहीं पा रहा है। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में रात के तापमान में और गिरावट हो सकती है, जिससे ठंड का प्रकोप बढ़ेगा।
उत्तराखंड में संभावित बर्फबारी और बारिश उत्तराखंड में भी मौसम ने करवट लेनी शुरू कर दी है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से हिमालय की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी और निचले इलाकों में हल्की बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि शनिवार शाम तक प्रदेश में विक्षोभ के प्रभाव से तापमान में कमी और ठंड बढ़ सकती है।
इस बर्फबारी से पर्यटकों को अद्भुत नजारे देखने को मिलेंगे, लेकिन स्थानीय निवासियों के लिए यह कठिनाइयां भी ला सकती है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के चलते सड़क मार्गों पर बाधा उत्पन्न होने की आशंका है। प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखा है।
प्रदूषण पर मौसम का सकारात्मक असर इस बार दिसंबर के शुरुआती दिनों में उत्तर भारत के प्रदूषण स्तर में कमी दर्ज की गई है। पश्चिमी दिशा से चलने वाली 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं ने प्रदूषक तत्वों को फैलाकर वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखा है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) येलो श्रेणी में रहा। शुक्रवार को नोएडा का AQI 125 और ग्रेटर नोएडा का 180 दर्ज किया गया, जो संतोषजनक माना जा सकता है। शनिवार को यह स्तर क्रमशः 147 और 152 दर्ज किया गया। बीते सालों की तुलना में इस बार की स्थिति कहीं बेहतर है।
ठंड के बढ़ते प्रभाव: क्या सावधानियां बरतें? भीषण ठंड के चलते खासकर बच्चों और बुजुर्गों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। गर्म कपड़े पहनें, गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें और शरीर को हाइड्रेटेड रखें।
उत्तर भारत में बदलते मौसम का यह दौर कई बदलाव लेकर आया है। एक ओर कश्मीर घाटी में सर्दी का कड़ा प्रकोप दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में बर्फबारी की संभावना से सर्दी की खूबसूरती बढ़ेगी। साथ ही, प्रदूषण के कम स्तर ने इस सर्दी को राहतपूर्ण बना दिया है। आने वाले दिनों में मौसम का मिजाज और बदल सकता है, जिसके लिए हमें तैयार रहना होगा।
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