गाजियाबाद:- साइबर अपराधी अब नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। हाल ही में एक रिटायर्ड शिक्षक आशा कपूर से मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप में 35 लाख रुपये की ठगी की गई। यह मामला अब साइबर थाने में दर्ज है।
पुलिस की शिकायत के अनुसार, 20 नवंबर को आशा कपूर के पास एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने दावा किया कि उनके खिलाफ मुंबई पुलिस ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। उन्होंने बताया कि बैंक में घोटाला हुआ है और उसमें आशा कपूर का नाम शामिल है, जिसके बाद उन्होंने धमकाते हुए आशा को मुंबई पुलिस के ऑफिस बुलाया। डर के चलते आशा ने ठग की बात मानी और उनसे बैंक खाता व आधार कार्ड की जानकारी साझा की। अगले दिन, एक अन्य ठग ने उन्हें वीडियो कॉल करके बैंक पहुंचकर रकम ट्रांसफर करने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने 35 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिए एक ठग के खाते में ट्रांसफर कर दिए।
दूसरी घटना में, इंदिरापुरम के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी पुष्कर राज को मास्टर ट्रस्ट सर्विसेज के नाम पर शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने का लालच दिया गया। अनीता नाम की महिला ने उन्हें अपने समूह से जुड़ने का प्रस्ताव दिया और रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा। 20 दिनों में ठगों ने 18 लाख रुपये की ठगी कर ली। पुष्कर राज ने भी साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
तीसरी घटना, साहिबाबाद के राजेंद्र नगर निवासी कारोबारी रवि कुमार उपाध्याय के साथ हुई। उन्हें शेयर ट्रेडिंग के माध्यम से 600 प्रतिशत लाभ का झांसा देकर 12.30 लाख रुपये ठग लिए गए। ठगों ने उन्हें एक समूह से जोड़ा और अलग-अलग बहानों से बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर कराए। रवि कुमार ने भी साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
इन सभी घटनाओं के बारे में, एडीसीपी अपराध सचिदानंद ने बताया कि ठगी के सभी मामलों में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और बैंकों से संपर्क कर ठगी गई धनराशि को फ्रीज करने का प्रयास किया जा रहा है।
Discussion about this post