गाजियाबाद और गुरुग्राम:- स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक संयुक्त छापेमारी में एक महिला दलाल और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो अवैध भ्रूण लिंग जांच के धंधे में लिप्त थे। यह कार्रवाई गुरुग्राम और गाजियाबाद के अधिकारियों की ओर से की गई, जो लंबे समय से हरियाणा से महिलाओं को गाजियाबाद के विभिन्न अस्पतालों में अवैध रूप से भ्रूण लिंग परीक्षण के लिए भेज रहे थे। इस मामले में मानसरोवर पार्क स्थित शिवा अस्पताल के मालिक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
अवैध भ्रूण लिंग परीक्षण का खुलासा
गुरुग्राम और गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तीन दिन पहले लोनी में एक छापेमारी की, जिसमें उन्होंने अवैध भ्रूण लिंग परीक्षण का खुलासा किया। टीम ने इस कार्रवाई के लिए एक महिला ग्राहक बनकर गाजियाबाद की महिला दलाल ममता से संपर्क किया। महिला दलाल ने ग्राहक को रविवार शाम को शिवा अस्पताल बुलाया, जहां पर गाजियाबाद और गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन के साथ ममता और नाजिम को गिरफ्तार किया।
जिले के नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग संजोग के अनुसार, नाजिम ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह अल्ट्रासाउंड करने के लिए कोई डिग्रीधारी नहीं है और केवल दसवीं तक ही पढ़ाई की है। नाजिम और ममता के अलावा, शिवा अस्पताल की मालिक सोनी के खिलाफ भी वेव सिटी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही, जब्त की गई पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन को सील कर दिया गया। इस छापेमारी में कानूनी समन्वयक उमेश गुप्ता भी मौजूद रहे।
दहेज उत्पीड़न की शिकायत
उधर, गाजियाबाद के बॉर्डर थाना क्षेत्र में एक महिला ने दहेज उत्पीड़न के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई है। महिला ने आरोप लगाया कि उसके ससुराल पक्ष ने उसकी बेटी को जन्म देने के बाद उसे शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी और घर से बाहर निकाल दिया। महिला के अनुसार, उसे पिछले एक साल से दहेज को लेकर लगातार उत्पीड़ित किया जा रहा था। उसका आरोप है कि ससुराल वाले यह कहते थे कि अगर अगला बच्चा बेटा नहीं होगा तो उसे घर से निकाल दिया जाएगा। एक साल पहले जब उसने दूसरी बेटी को जन्म दिया, तब ससुराल वालों ने उसे मारपीट करके घर से बाहर निकाल दिया और दो लाख रुपये की मांग की।
महिला ने बताया कि उसके पिता और भाई ने एक लाख रुपये ससुराल वालों को दिए, लेकिन इसके बाद भी वे उसे और उसके बच्चों को परेशान करते रहे। अंत में, दोनों बेटियों के साथ महिला को घर से निकाल दिया गया। सहायक पुलिस आयुक्त अंकुर विहार, भास्कर वर्मा ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर ससुराल पक्ष के सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है।
गाजियाबाद में भ्रूण लिंग परीक्षण के अवैध धंधे और दहेज उत्पीड़न के मामलों में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई ने गंभीर समाजिक मुद्दों को उजागर किया है। भ्रूण लिंग परीक्षण के खिलाफ सख्त कानूनों के बावजूद इस तरह के अपराधों का होना चिंताजनक है। इसी प्रकार दहेज उत्पीड़न के मामलों में कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि महिलाओं को न्याय मिल सके और समाज में ऐसी बुराईयों का समापन हो सके।
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