पाकिस्तान:- खैबर पख्तूनख्वा (KPK) प्रांत के कुर्रम जनजातीय जिले में शिया और सुन्नी संप्रदायों के बीच हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही थी। भूमि विवाद से उपजी इस हिंसा में अब तक 150 लोगों की मौत हो चुकी है। दोनों समुदायों के बीच झड़पें और हमले लगातार बढ़ रहे थे, लेकिन अब एक सकारात्मक कदम उठाते हुए दोनों संप्रदायों के बुजुर्गों ने सात दिनों के लिए सीजफायर का निर्णय लिया है।
यह हिंसा 21 नवंबर को शुरू हुई, जब शिया समुदाय का काफिला कुर्रम जिले से गुजर रहा था और उस पर घात लगाकर हमला किया गया। इस हमले में 42 लोगों की मौत हुई, जिसके बाद शिया समुदाय ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। इस संघर्ष की जड़ में भूमि विवाद है, जो शिया और सुन्नी जनजातियों के बीच कृषि भूमि के स्वामित्व को लेकर चल रहा है।
हिंसा के बढ़ते दुष्परिणामों को देखते हुए KPK सरकार ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि मारे गए लोगों के शव एक-दूसरे को लौटाए जाएंगे और बंधक बनाए गए व्यक्तियों को भी रिहा किया जाएगा, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं।
कुर्रम क्षेत्र अफगानिस्तान से नजदीकी और आतंकवादी गतिविधियों के कारण अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। यहां शिया और सुन्नी दोनों समुदायों की बड़ी आबादी है। हालांकि, सीजफायर के फैसले से दोनों पक्षों के बीच हिंसा में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।
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