पाकिस्तान:- आतंकी हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 24 घंटों में यह दूसरा बड़ा हमला है, जिसने पाकिस्तान को दहलाकर रख दिया है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू इलाके में हुए आत्मघाती हमले में पाकिस्तानी सेना के 17 जवानों की जान चली गई। यह हमला तब हुआ जब एक आतंकवादी ने विस्फोटक से भरे वाहन को सेना की चेकपोस्ट से टकरा दिया। धमाके ने इलाके में अफरा-तफरी मचा दी और सैन्य वाहनों के साथ चेकपोस्ट भी नष्ट हो गई।
हमले के बाद आतंकियों ने चेकपोस्ट पर गोलियों की बौछार की, लेकिन पाकिस्तानी सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में 6 आतंकवादी मारे गए। हाफिज गुल बहादुर समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। यह घटना उस वक्त हुई जब पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में तेजी आई है, खासकर अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद। तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद से पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकी गतिविधियों में इजाफा हुआ है।
इससे पहले, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पाकिस्तानी सेना पर एक और हमला हुआ था जिसमें 8 सैनिक मारे गए थे। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने उस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इन हमलों ने पाकिस्तान की सुरक्षा नीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आतंकवाद पर काबू नहीं पाया गया, तो पाकिस्तान की स्थिति और गंभीर हो सकती है।
पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवादियों के खिलाफ बड़े सैन्य अभियान की मंजूरी दी है, ताकि उग्रवाद और आतंकी हमलों की घटनाओं को रोका जा सके। यह घटनाएं स्पष्ट रूप से यह दर्शाती हैं कि पाकिस्तान को आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है, ताकि देश में शांति और सुरक्षा स्थापित की जा सके।
Discussion about this post