दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार को आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) में शामिल होने की घोषणा की। गहलोत का कहना था कि यह कदम उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन दिल्ली के विकास के लिए यह जरूरी था। गहलोत ने स्पष्ट किया कि उन्होंने यह फैसला किसी दबाव में नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर लिया है।
गहलोत के भाजपा में शामिल होते ही पार्टी नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा, और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीजेंद्र गुप्ता सहित कई नेताओं ने उन्हें पार्टी में शामिल होने पर बधाई दी।
गहलोत ने अपने इस्तीफे में अरविंद केजरीवाल की नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “आम आदमी पार्टी का उद्देश्य दिल्लीवासियों की सेवा करना था, लेकिन अब यह पार्टी सिर्फ विशेष वर्गों के हितों की रक्षा करने में लगी है।” गहलोत ने यह भी बताया कि अन्ना आंदोलन से जुड़ने के बाद उन्होंने दिल्ली के विकास के लिए काम किया था, लेकिन अब ‘आप’ में इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने विकास की बजाय केंद्र सरकार से टकराव की राजनीति अपनाई है, जिससे दिल्ली का विकास रुक गया है।
भा.ज.पा. में शामिल होते हुए गहलोत ने कहा, “अब मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के मार्गदर्शन में काम करूंगा। दिल्ली के विकास के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना जरूरी है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य सिर्फ दिल्ली की जनता की भलाई करना है।
गहलोत के इस कदम को आप के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर जब उन्होंने पार्टी के भीतर के कामकाज पर सवाल उठाए और दिल्लीवासियों की सेवा में समझौता करने की बात की। इसने दिल्ली की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है, और देखना होगा कि इस बदलाव का आम आदमी पार्टी की छवि पर क्या असर पड़ता है।
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