दिल्ली:- शनिवार सुबह प्रदूषण ने खतरनाक स्तर को छुआ, जिससे राजधानी में जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ा है। सुबह 7 बजे, दिल्ली के 10 से अधिक इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर दर्ज किया गया, और जहांगीरपुरी में यह आंकड़ा 445 तक पहुंच गया। यह आंकड़ा वाकई अत्यंत चिंताजनक है, क्योंकि ऐसे AQI स्तर को ‘गंभीर’ माना जाता है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
प्रदूषण का प्रभाव और सरकार की पहल दिल्ली सरकार ने इस बढ़ते प्रदूषण को लेकर तत्काल कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने सरकारी दफ्तरों के लिए नए कार्य समय की घोषणा की है। अब केंद्र सरकार के दफ्तर सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक, दिल्ली सरकार के दफ्तर 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक और MCD के दफ्तर 8:30 बजे से शाम 5 बजे तक काम करेंगे। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और प्रदूषण से बचाव करना है।
शिक्षा क्षेत्र में भी बदलाव प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने पहले ही प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाओं की शुरुआत की थी। अब छठी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम छात्रों और शिक्षकों की सेहत की रक्षा के लिए उठाया गया है, क्योंकि धुंए और प्रदूषण से सांस संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
निजी वाहनों के उपयोग पर रोक दिल्ली सरकार ने प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए लोगों से निजी वाहनों का उपयोग कम करने की अपील की है। इसके साथ ही, 106 अतिरिक्त क्लस्टर बसों और 60 नई मेट्रो फेरे की व्यवस्था की गई है, ताकि लोग सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम उपयोग करें। इस पहल का उद्देश्य प्रदूषण को घटाना और ट्रैफिक जाम से बचाव करना है।
सीमांत क्षेत्र से बसों का प्रवेश प्रतिबंधित एयर कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक और कदम उठाया है। अब हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आने वाली बसों का दिल्ली में प्रवेश रोक दिया गया है। यह निर्णय प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने और स्वास्थ्य संकट से बचने के लिए लिया गया है।
AQI क्या है? वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) एक प्रकार का मापदंड है, जो हवा में प्रदूषण के स्तर को दर्शाता है। यह CO, Ozone, NO2, PM 2.5 और PM 10 जैसे प्रदूषकों के स्तर को मापता है। AQI का स्तर जितना अधिक होता है, हवा में प्रदूषकों की मात्रा उतनी ही अधिक होती है। जब AQI 200 से 300 के बीच होता है, तो यह खराब माना जाता है, लेकिन दिल्ली में अभी AQI स्तर 400 के पार है, जो बेहद खतरनाक है। ऐसे स्तर पर श्वसन संबंधी समस्याएं, दिल की बीमारियां और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन नागरिकों को भी इस संकट से निपटने में योगदान देना होगा। मास्क पहनना, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना और बाहर जाने से बचना इन दिनों के लिए जरूरी है। प्रदूषण का यह संकट केवल दिल्ली का नहीं, बल्कि पूरे देश का है, और इसे सुलझाने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
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