वाराणसी:- इस साल की देव दीपावली ने एक अनोखा और जादुई दृश्य प्रस्तुत किया। काशी की 84 घाटों और 700 मठों-मंदिरों में करीब 25 लाख दीपकों की रोशनी से पूरे शहर ने एक नई चमक पाई। घाटों पर रौनक के साथ ही आसमान में रंग-बिरंगी आतिशबाजी ने काशी को स्वर्ग सा बना दिया। विशेष तौर पर, आठ घाटों पर 60 मिनट तक ग्रीन पटाखों की आतिशबाजी ने आकाश को शानदार रंगों से भर दिया, और इस दृश्य ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
श्रद्धा और उल्लास का संगम देव दीपावली की शुरुआत उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नमो घाट पर दीप जलाकर की। हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ काशी की धरती ने दिव्य आभा ओढ़ ली। उपराष्ट्रपति और सीएम ने काशी के घाटों पर डमरू बजाकर महादेव की महिमा का आदर किया और गंगा आरती में शामिल होकर गंगा के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की।
लेजर शो और आतिशबाजी ने बढ़ाई खूबसूरती काशी के 84 घाटों पर दीपों की रोशनी के साथ-साथ लेजर शो और शानदार आतिशबाजी ने दीपोत्सव की शोभा बढ़ा दी। हर घाट की सजावट और रंग-बिरंगी बत्तियां देखते ही बनती थीं। पर्यटकों ने नावों और क्रूजों में बैठकर गंगा की सैर की और घाटों की सुंदरता का आनंद लिया। शहरभर के कुंडों, तालाबों और मंदिरों को दीपों की रोशनी से सजाया गया, जिससे काशी एक सुंदर उत्सव स्थल में बदल गई।
पर्यटकों का उमड़ा सैलाब इस मौके पर भारत और विदेशों से भारी संख्या में पर्यटक काशी पहुंचे। 40 देशों से आए मेहमानों में इंडोनेशिया, वियतनाम और फ्रांस जैसे देशों के लोग शामिल थे। अनुमान के मुताबिक, इस बार 15 लाख से ज्यादा लोग देव दीपावली के इस अद्भुत दृश्य को देखने काशी पहुंचे। पर्यटकों ने घाटों पर सजी दीपमालाओं, लेजर शो और गंगा आरती को अपने कैमरों में कैद किया और इस अद्भुत पल का हिस्सा बने।
काशी की देव दीपावली एक अविस्मरणीय अनुभव देव दीपावली का यह पर्व काशी में दिव्यता, श्रद्धा और उल्लास का अद्भुत संगम था। गंगा के किनारे दीपों की रौशनी, ग्रीन पटाखों की आतिशबाजी, लेजर शो और महादेव की महिमा ने इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बना दिया। काशी का यह दिव्य आयोजन हर किसी को याद रहेगा और इसने काशी की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को एक नया आयाम दिया।
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