राजस्थान:- देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के दौरान हुए समरावता थप्पड़ कांड ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया। एसडीएम अमित कुमार चौधरी के साथ हुई मारपीट और जान से मारने की धमकी के बाद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने उन्हें गंभीर धाराओं में गिरफ्तार किया, लेकिन मामले के बाद की हिंसा और उत्पात ने इस घटना को और तूल दे दिया है।
घटना का विवरण कुछ इस प्रकार है: देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान, एसडीएम अमित कुमार चौधरी समरावता गांव के मतदान केंद्र पर ड्यूटी पर तैनात थे। इस दौरान नरेश मीणा, जो इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, ने मतदान केंद्र पर हंगामा किया। मीणा ने मतदाताओं को मतदान से भड़काया, मतदान बूथ में घुसकर ईवीएम की लाइव वीडियो रिकॉर्डिंग की और आरोप लगाया कि एसडीएम ने कुछ मतदाताओं से गुपचुप तरीके से वोट डलवाए थे।
इस दौरान नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मारा और गला दबाकर जान से मारने का प्रयास किया। एसडीएम के खिलाफ की गई इस बर्बर कार्रवाई से प्रशासन में हड़कंप मच गया। एसडीएम ने नगरफोर्ट थाने में एफआईआर दर्ज करवाई, जिसके बाद पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस पर पथराव किया गया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
हिंसा ने तब एक नया मोड़ लिया, जब मीणा के समर्थकों ने पुलिस पर आक्रामक हमला किया। पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे। हालांकि, इस दौरान नरेश मीणा पुलिस गिरफ्त से बचकर भागने में सफल रहे।
नरेश मीणा, जो कांग्रेस के पूर्व नेता सचिन पायलट के समर्थक माने जाते हैं, ने कांग्रेस से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उनका नाम चुनावी विवादों में घिर चुका है। समरावता थप्पड़ कांड के बाद, मीणा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें वह प्रशासन को चुनौती देते हुए कहते हैं, “अगर प्रशासन में दम है, तो मुझे गिरफ्तार करके दिखा दे।” इस वीडियो के बाद, पुलिस ने उन्हें गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया।
राजस्थान के इस उपचुनाव में हिंसा, आरोप-प्रत्यारोप और पुलिस कार्रवाई ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। पुलिस ने अब तक मीणा के समर्थकों सहित 60 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले की गम्भीरता को देखते हुए, प्रशासन ने इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।
समरावता कांड ने चुनावी माहौल को पूरी तरह से उथल-पुथल कर दिया है, और इस घटना के बाद राजस्थान की राजनीति में नए सवाल उठने लगे हैं।
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