महाराष्ट्र:- इन दिनों बैग की जांच को लेकर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बैग की जांच की गई। यह घटनाक्रम पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बैग की जांच के विवाद के बाद सामने आया है, जिसने सियासी हलचल मचा दी है।
सोमवार और मंगलवार को उद्धव ठाकरे के बैग की जांच यवतमाल और लातूर जिलों में की गई। इसके बाद शिवसेना (यूबीटी) और एकनाथ शिंदे गुट के बीच तकरार और बढ़ गई। ठाकरे ने आरोप लगाया कि यह जांच राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही है। ठाकरे ने यह भी कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी ऐसा ही व्यवहार होना चाहिए।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बैग की जांच पालघर में हुई, जिसमें पानी की बोतल, नींबू पानी, दूध-छाछ और कुछ कपड़े मिले। वहीं, अजीत पवार के बैग में नमकीन, बिस्कुट, लड्डू और कपड़े थे। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के बैग में कुछ नहीं मिला।
अजीत पवार ने इस जांच को लेकर कहा कि यह चुनाव आयोग की नियमित प्रक्रिया है और उन्होंने पूरी तरह से सहयोग किया। उनका कहना था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की जांच आवश्यक है।
उद्धव ठाकरे ने चुनाव अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के लिए आएं, तो उन्हें भी वही नियम लागू किए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की जनता के हितों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, न कि अन्य राज्यों के नेताओं के लिए ऐसा व्यवहार किया जाना चाहिए।
इस पूरी घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई गर्मी पैदा कर दी है और सभी दल अब इस मुद्दे पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। चुनावी मौसम में इस तरह के विवाद और जांच का बढ़ता प्रभाव साफ तौर पर देखा जा रहा है।
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