गाजियाबाद:- मंगलवार को वकीलों ने जनपद न्यायाधीश अनिल कुमार का पुतला हापुड़ रोड पर फूंक दिया, विरोध का यह रूप पुलिस की मूक भूमिका के बीच बेहद तीव्र हुआ। इस प्रदर्शन में पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों ने मूक दर्शक बनकर घटनाक्रम को देखा, जबकि वकील अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से आक्रोशित थे। बार के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने इस आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया, यह संकेत था कि वकीलों का गुस्सा अभी थमा नहीं है।
इस आक्रोश का मुख्य कारण 29 अक्टूबर का विवादित मामला है, जब एक जमानत अर्जी पर बहस के दौरान जनपद न्यायाधीश अनिल कुमार की अदालत में वकीलों के साथ तीखी नोकझोंक हुई थी। बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था, जिससे वकील और पूरी न्यायिक बिरादरी उग्र हो गई। गाजियाबाद समेत पूरे प्रदेश और दिल्ली के वकील इस घटना से खासे आहत हुए थे, और बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी इसे गंभीरता से लिया था।
इस घटना के विरोध में वकीलों ने चार नवंबर से हड़ताल शुरू कर दी थी, और तब से वे लगातार आंदोलन कर रहे हैं। वकील अदालत में किसी भी वादकारी को प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं, और उनकी यह हड़ताल अब पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है।
वकीलों का यह आंदोलन अब और तेज होने की संभावना है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। वकील अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं, और जनपद न्यायाधीश के खिलाफ अपनी नाराजगी जताने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।
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