गाजियाबाद:- दीपावाली की रात गाजियाबाद में पटाखों के चलते 50 से अधिक लोग सरकारी अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे, जबकि निजी अस्पतालों में भी करीब 100 मरीजों ने इलाज कराया। एमएमजी अस्पताल में दो गंभीर घायलों को हायर सेंटर रेफर किया गया। इस रात पटाखों के साथ-साथ हुड़दंग और झगड़े में घायल 44 लोगों का भी इलाज किया गया।
सभी घायलों में से कई युवा थे। एमएमजी अस्पताल में 16 वर्षीय वसुंधरा, 20 वर्षीय रूपेश और 23 वर्षीय कुलदीप वर्मा जैसे मरीज शामिल थे, जो पटाखों से जल गए थे। कुलदीप अपने घर में अनार जला रहा था, जब यह हादसा हुआ। अन्य मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
संयुक्त अस्पताल की इमरजेंसी में भी कई घायलों को लाया गया, जिनमें 23 वर्षीय पुष्कर चौधरी और दो वर्षीय वीरेंद्र पांडेय जैसे मरीज शामिल थे। डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर मरीजों के हाथ और आंखें झुलसी थीं, लेकिन कोई गंभीर स्थिति नहीं थी।
इसी रात, पुलिस ने शराब पीकर हुड़दंग करने वाले 44 लोगों के मेडिकल परीक्षण किए। एमएमजी और संयुक्त अस्पताल में 32 और 12 लोगों का परीक्षण किया गया। एक गंभीर चोट के मामले में अविनाश नामक व्यक्ति को भी हायर सेंटर रेफर किया गया।
इमरजेंसी में आए एक मरीज ने स्टाफ के साथ अभद्र व्यवहार किया, जिसके बाद अस्पताल ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। इस दीपावाली पर पटाखों की मस्ती ने न केवल खुशियों को छाया, बल्कि कई लोगों के लिए संकट भी ला दिया।
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