भारत और चीन:- हाल के दिनों में भारत और चीन के बीच सीमा पर हालात में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हालिया बयान से इस दिशा में और अधिक सकारात्मक संकेत मिलते हैं। दीवाली के अवसर पर, जब देश भर में खुशियां मनाई जा रही थीं, दोनों देशों के जवानों ने चुशुल-मोल्दो सीमा बिंदु पर एक-दूसरे को मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। यह घटना न केवल मित्रता का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाती है कि सीमा पर रिश्ते में सुधार की प्रक्रिया जारी है।
सीमा से पीछे हटने की प्रक्रिया
राजनाथ सिंह ने असम के तेजपुर में बॉब खाथिंग संग्रहालय के उद्घाटन समारोह के दौरान कहा कि सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ कुछ क्षेत्रों में संघर्षों को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर चर्चाएं जारी हैं।
सिंह ने बताया कि हाल की बातचीत के परिणामस्वरूप जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बनी है। यह सहमति समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और चराई से संबंधित अधिकार शामिल हैं।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की भूमिका
हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक ने भी दोनों देशों के रिश्तों में सुधार का संकेत दिया। यह पांच वर्षों में दोनों नेताओं के बीच पहली औपचारिक बातचीत थी, जिसमें दोनों ने कहा कि भारत-चीन संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए महत्वपूर्ण हैं।
चीनी राजदूत की टिप्पणी
भारत में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने भी द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू रूप से आगे बढ़ने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि दोनों देशों के संबंध किसी विशेष असहमति से बाधित नहीं होंगे। यह टिप्पणियां भारत और चीन के बीच के संबंधों में स्थिरता की ओर संकेत करती हैं।
सरदार पटेल को श्रद्धांजलि
बॉब खाथिंग संग्रहालय के उद्घाटन के दौरान, रक्षा मंत्री ने भारत के पहले केंद्रीय गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत की एकता अद्भुत है और इसे बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने इतिहास में ऐसे अनेक व्यक्तित्वों का उल्लेख किया, जिन्हें सही स्थान नहीं मिला, लेकिन जिनके बलिदान महत्वपूर्ण थे।
भारत और चीन के बीच सीमा पर स्थिति में सुधार न केवल सैनिकों के लिए, बल्कि दोनों देशों की जनता के लिए भी सुखद समाचार है। मिठाई का आदान-प्रदान इस बात का प्रतीक है कि संबंधों में सुधार की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। दोनों देशों के नेताओं की बैठकें और सामूहिक संवाद इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आशा है कि आने वाले समय में यह सुधार और गहरा होगा, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता और शांति को बढ़ावा मिलेगा।
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