मुंबई:- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि यह कदम भारत की 2020 की गश्त स्थिति में लौटने की दिशा में पहला कदम है। इस प्रक्रिया के तहत, तनाव कम करने के लिए दोनों पक्षों को एक-दूसरे पर भरोसा करना होगा।
जयशंकर ने बताया कि भारत और चीन के बीच समझौता हुआ है, जिसके तहत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त करने की अनुमति दी गई है। यह चार साल से अधिक समय से जारी सैन्य गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि सैनिकों की निकासी और गश्त पर सहमति बनी है, लेकिन इसे लागू करने में समय लगेगा।
इसके अलावा, उन्होंने महाराष्ट्र में निवेश को लेकर उठे सवालों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि निवेशक उस राज्य को चुनेंगे जो सक्षम और कुशल हो। जयशंकर ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में इसकी भूमिका अहम है।
मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों की चर्चा करते हुए जयशंकर ने कहा कि अगर ऐसी कोई घटना दोबारा होती है, तो भारत चुप नहीं रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद पर भारत की नीति जीरो टालरेंस है और इसका मुकाबला करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
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