गाजियाबाद:- दादरी में कार में जिंदा जलाए गए बिल्डर संजय यादव का शव अपने घर की देहरी तक नहीं पहुंच सका। उनके शव को अत्यधिक जल जाने के कारण सीधे बृजघाट ले जाया गया, जिससे परिवार में गम और गुस्सा दोनों का समावेश हो गया है। इस दिल दहला देने वाली घटना ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे इलाके में शोक की लहर फैला दी है।
संजय यादव, जो गौतमबुद्ध नगर के पतवाड़ी गांव के निवासी थे, ने हाल ही में नेहरू नगर में मकान खरीदा था। वह एक सफल बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलर थे, जो अपने काम से क्षेत्र में पहचान बना चुके थे। उनकी शादी बागपत के बलेनी गांव में पूनम यादव से हुई थी, और उनके दो छोटे बच्चे हैं।
मंगलवार दोपहर, संजय को किसी जानकार का फोन आया जिसमें रुपये देने के लिए बुलाया गया। इसके बाद वह रात तक घर नहीं लौटे। जब परिवार ने उनकी खोजबीन की, तब बुधवार तड़के पुलिस से उन्हें घटना की जानकारी मिली।
परिवार ने संजय की हत्या का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने इस मामले में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है, लेकिन हत्या के कारण और आरोपितों की पहचान अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है।
इस घटना ने न केवल उनके परिवार को तोड़ा है, बल्कि समाज में भी सवाल उठाए हैं कि कैसे ऐसे जघन्य अपराध बढ़ रहे हैं। परिवार ने सरकार से हत्यारों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की है, ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हो सकें। संजय यादव की हत्या एक दुखद घटना है जो न्याय की प्रतीक्षा कर रही है।
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