गाजियाबाद:- पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में जूना अखाड़े के महंत यति नरसिंहानंद के करीबी अनिल यादव, उर्फ छोटे नरसिंहानंद, पर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। उन्हें 11 अक्तूबर को गिरफ्तार किया गया था, और अब उनकी हिस्ट्रीशीट खोल दी गई है। अनिल पर पहले से पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें लूट और बवाल शामिल हैं।
अनिल यादव को जेल में रखने का मुख्य कारण शांति भंग की आशंका है। जमानत मिलने के बाद भी पुलिस ने उन्हें दोबारा गिरफ्तार किया, जिससे यह साफ होता है कि पुलिस स्थिति को लेकर गंभीर है। डीसीपी सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि विभिन्न मामलों के आधार पर उनकी हिस्ट्रीशीट खोली गई है।
मंदिर पर हमले की साजिश
चार अक्तूबर को डासना के देवी मंदिर पर हुए हमले की साजिश के पीछे तीन लोगों के नाम का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि ये तीन लोग शांति समिति की बैठक में शामिल थे। उनके इशारे पर 100-150 लोग मंदिर पर हमला करने गए थे। पुलिस ने अब तक 34 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि कुल गिरफ्तारी 49 तक पहुंच चुकी है।
नरसिंहानंद की अनुपस्थिति
यति नरसिंहानंद, जो कि 4 अक्तूबर के बाद से गायब हैं, के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिल रही। उनके अनुयायी भी उनके बारे में अनभिज्ञ हैं, और पुलिस का कहना है कि उन्हें नहीं पता। मुजफ्फरनगर में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुका है।
1. 29 सितंबर: यति नरसिंहानंद ने एक कार्यक्रम में आपत्तिजनक टिप्पणी की। 2. 3 अक्तूबर: उनके खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। 3. 4 अक्तूबर: मुस्लिम संगठनों ने गिरफ्तारी की मांग की, जिसके चलते मंदिर पर पथराव हुआ। 4. 13 अक्तूबर: नरसिंहानंद के समर्थन में हाईवे पर पंचायत हुई, जिसमें पुलिस ने बल प्रयोग किया।
यह पूरा मामला न केवल धार्मिक भावनाओं को प्रभावित कर रहा है, बल्कि सामाजिक तनाव का भी कारण बन रहा है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन की भूमिका इस मामले में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
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