गाजियाबाद:- ऊर्जा निगम को तकनीकी और वितरण हानियों के चलते हर माह करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। जनपद में प्रतिमाह 680 मिलियन यूनिट बिजली का उपभोग किया जा रहा है, जबकि वसूली केवल 600 मिलियन यूनिट की हो पा रही है। इसका परिणाम यह है कि निगम को हर महीने 53 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा सहना पड़ रहा है।
यूपीपीसीएल द्वारा जनपद को जारी 680 मिलियन यूनिट बिजली में से केवल 640 मिलियन यूनिट उपभोक्ताओं तक पहुँच पा रही है। इसमें से लगभग 64 मिलियन यूनिट या तो चोरी की जा रही है या फिर उनका भुगतान नहीं हो रहा है। गाजियाबाद में 10 लाख से अधिक पंजीकृत विद्युत उपभोक्ता हैं, जिन्हें निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ऊर्जा निगम लगातार प्रयास कर रहा है।
मोदीनगर और लोनी में लाइन लॉस की समस्या सबसे अधिक गंभीर है। यहां बिजली चोरी रोकने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन बकायेदारों की संख्या अभी भी लंबी है। निगम ने कई उपभोक्ताओं को वसूली के लिए आरसी जारी की है।
गाजियाबाद जोन एक में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है। यहां पिछले माह 175 मिलियन यूनिट बिजली खर्च की गई, जिसके लिए 143 करोड़ रुपये की वसूली की गई। हालांकि, टेक्निकल और डिस्ट्रीब्यूशन लॉस अभी भी दो करोड़ रुपये से अधिक है।
अधीक्षण अभियंता एके सिंह ने कहा कि ऊर्जा निगम लगातार लाइन लॉस को कम करने और बिजली चोरी रोकने के लिए प्रयासरत है। जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे, जिससे राजस्व में सुधार हो सके और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिल सके।
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