गाजियाबाद:- दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एक लाख रुपये के इनामी जावेद मीरपुरिया की गिरफ्तारी ने पुलिस विभाग को फिर से अलर्ट कर दिया है। जावेद के पास दिल्ली से लेकर दुबई तक करोड़ों रुपये की संपत्ति होने की जानकारी सामने आई है, जिसमें दो मकान, एक प्लॉट, और दो गोदाम शामिल हैं। इसके अलावा, दुबई में उसका एक तीन बीएचके का फ्लैट भी है, जिसकी कीमत जावेद ने दस करोड़ रुपये बताई है, जबकि पुलिस के अनुसार, यह फ्लैट असल में 80 करोड़ रुपये का है।
दिल्ली पुलिस के डीसीपी राजेश कुमार के अनुसार, जावेद मोबाइल टावरों से करोड़ों के उपकरण चुराने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का सरगना है। उसे गिरफ्तार करने के लिए लुक आउट नोटिस जारी किया गया था। जावेद ने हाल ही में दुबई से दिल्ली लौटते ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया। गाजियाबाद पुलिस ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर लिया और उसकी निशानदेही पर 35 लाख रुपये के चोरी के मोबाइल टावर के उपकरण बरामद किए गए हैं।
जावेद का परिवार दिल्ली के गोकुलपुरी में रहता है। उसकी शिक्षा केवल तीसरी कक्षा तक ही सीमित रही, और वह अपने पिता के कबाड़ के धंधे में हाथ बंटाने लगा। इसके बाद, उसने अबरार के साथ मिलकर मोबाइल उपकरणों का व्यवसाय शुरू किया। लॉकडाउन के दौरान जावेद ने मुस्तफाबाद के दिनेश से संपर्क किया और उसके बाद चोरी के उपकरणों की सप्लाई का एक नेटवर्क स्थापित किया।
जावेद ने चोरी के उपकरणों को दुबई और चीन में भेजने के लिए एक गिरोह बनाया। उसने एक आरआर यूनिट को 60 हजार रुपये में खरीदकर 16 लाख रुपये में बेचना शुरू किया, जिससे वह करोड़पति बन गया। अब उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है, और पुलिस उसकी संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया में जुटी है।
जावेद पर दिल्ली, नोएडा, और गाजियाबाद में कुल सात मुकदमे दर्ज हैं। उसकी गिरफ्तारी से यह स्पष्ट होता है कि किस तरह छोटे-मोटे व्यवसाय से शुरू होकर एक व्यक्ति अंतरराष्ट्रीय अपराध के जाल में फंस जाता है। अब पुलिस इस मामले की गहराई से जांच करने की तैयारी कर रही है।
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