गाजियाबाद:- आगरा के स्वास्थ्य विभाग के एनआरएचएम टैक्सी घोटाले में विशेष सीबीआई कोर्ट ने रामकुमार बंसल को दो साल कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही, अदालत ने उसे 4.30 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
यह मामला 2009 से 2012 के बीच का है, जब तत्कालीन सीएमओ आगरा ने मरीजों और डॉक्टरों के लिए टैक्सियां किराए पर ली थीं। सरकारी गाइडलाइंस के अनुसार, इन टैक्सियों का किराया 400 रुपये प्रतिदिन तय किया गया था, लेकिन रामकुमार ने धोखाधड़ी से अधिक किराया वसूला। उसने जाली कुटेशन के आधार पर सीएमओ को 750 से 1000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से टैक्सी उपलब्ध कराई, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ।
इस घोटाले की जांच इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने की थी, जिसके बाद 22 जून 2015 को आरोप पत्र दायर किया गया। कोर्ट में सीबीआई ने 14 गवाहों के बयान दर्ज कराए, और अंततः रामकुमार को दोषी ठहराया गया।
अदालत ने रामकुमार द्वारा पहले जमा की गई राशि को अर्थदंड में समायोजित करने का आदेश दिया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि न्याय ने आखिरकार अपने पैर जमा लिए हैं। यह मामला सरकारी धन के दुरुपयोग की एक गंभीर मिसाल पेश करता है, और इसकी सजा ने अन्य संभावित घोटालेबाजों के लिए एक चेतावनी का काम किया है।
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