साहिबाबाद:– इंदिरापुरम कोतवाली पुलिस ने ऑनलाइन अवैध नशीली दवाओं के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने वसुंधरा सेक्टर एक में छापेमारी के दौरान दो आरोपितों, जोगिंद्र सिंह और अंकुश गोयल, को गिरफ्तार किया। जबकि गिरोह का मुख्य आरोपी, संदीप गोयल, फरार है। संदीप के खिलाफ रंगदारी के मामले में भी आपराधिक इतिहास है।
पुलिस ने छापेमारी के दौरान नौ प्रकार की नशीली दवाओं, जिनकी कुल कीमत 20 लाख रुपये से अधिक है, साथ ही सात मोबाइल फोन, दो कंप्यूटर और एक प्रिंटर बरामद किया। गिरफ्तार आरोपितों ने खुलासा किया कि उन्होंने “ओमसी सर्विस” नाम से एक फर्म बनाई थी, जो जीएसटी रजिस्टर्ड थी और ऑनलाइन “हेल्थ कार्ट” नाम की वेबसाइट के माध्यम से कारोबार कर रही थी।
ये आरोपी नशीली दवाओं के ऑर्डर भारत और अफ्रीकी देशों से प्राप्त करते थे, और ग्राहकों से वाट्सएप के जरिए संपर्क करते थे। जब पुलिस ने लाइसेंस की मांग की, तो वे उसे दिखाने में असमर्थ रहे, जो उनकी अवैध गतिविधियों की गंभीरता को दर्शाता है।
सहायक पुलिस आयुक्त ने बताया कि यह गिरोह 2018 से नशीली दवाओं का कारोबार कर रहा था और पिछले दो वर्षों से वसुंधरा क्षेत्र में सक्रिय था। यह गिरोह हर साल एक करोड़ रुपये से अधिक की नशीली दवाएं बेचता था, जो डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं दी जा सकतीं।
आरोपितों ने बताया कि वे स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को भी इन दवाओं की आपूर्ति कर रहे थे। पुलिस ने कई महत्वपूर्ण साक्ष्य इकट्ठा किए हैं और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।
पुलिस अब संदीप गोयल की गिरफ्तारी के लिए विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही है और उसकी मोबाइल लोकेशन को ट्रेस किया जा रहा है। यह कार्रवाई नशीली दवाओं के खिलाफ पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
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