चार साल की मनीषा मरोदिया प्रजापति और उसकी बहन खेलते समय आग की लपटों से घिर गईं, जिससे उनकी हंसी और खुशी पल भर में चीखों और भय में बदल गई। इस भयानक हादसे में मनीषा, जिसे सोशल मीडिया पर मन्नू के नाम से जाना जाता है, गंभीर रूप से झुलस गई। इस दर्दनाक अनुभव ने उसकी शारीरिक और भावनात्मक दोनों ही घावों को बढ़ाया।
मनीषा की यात्रा आसान नहीं थी। उसने कई सर्जरी से गुजरते हुए अपने शारीरिक घावों को ठीक किया और अपने परिवार के अटूट समर्थन से आत्मविश्वास को पुनः प्राप्त किया। स्कूल में उसे भेदभाव और अस्वीकृति का सामना करना पड़ा, जिससे उसकी क्षमताओं को नजरअंदाज किया गया। “मैंने विरोध किया लेकिन किसी ने मदद नहीं की,” मनीषा याद करती हैं।
हालांकि, एक नए स्कूल में शामिल होकर उसे ऐसे दोस्त और शिक्षक मिले जिन्होंने उसकी कला को सराहा। चित्रकारी उसकी शरणस्थली बन गई, और उसने अपनी कला के माध्यम से दर्द को अभिव्यक्त किया। उसकी कला ने उसे एक नई पहचान और आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रदान की।
मनीषा की यात्रा का एक गौरवपूर्ण क्षण तब था जब उसने बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को उनकी फिल्म ‘छपाक’ में भूमिका के लिए एक चित्र उपहार में दिया। मनीषा कहती हैं, “उस दर्दनाक समय में, कला ने मुझे ठीक होने में मदद की।”
पारंपरिक सौंदर्य मानकों को चुनौती देते हुए, मनीषा ने इंस्टाग्राम पर मेकओवर वीडियो पोस्ट किए। इस साहसिक कदम ने उसे न केवल नकारात्मकता से ऊपर उठने में मदद की, बल्कि उसकी कला को एक नया मंच भी प्रदान किया। आज मनीषा की कहानी सिखाती है कि सच्ची सुंदरता और आत्मविश्वास आंतरिक ताकत और कला के माध्यम से विकसित होते हैं। उसकी यात्रा यह साबित करती है कि सच्ची सुंदरता आपके दिल में होती है और इसे दुनिया के सामने प्रस्तुत करना महत्वपूर्ण है।
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