मॉस्को:- रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए भारत ने गंभीर प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रूस और यूक्रेन का दौरा किया और युद्ध की समाप्ति के लिए सक्रिय मध्यस्थता की पेशकश की। इस बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बताया कि चीन, भारत, और ब्राजील संभावित शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। पुतिन ने ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में यह महत्वपूर्ण बयान दिया, हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रूस का प्राथमिक लक्ष्य यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र को अपने नियंत्रण में लेना है।
पीएम मोदी की रूस यात्रा के दौरान, उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी स्थिति में मासूम लोगों की जान की हानि स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने भविष्य की पीढ़ियों के लिए शांति की आवश्यकता को रेखांकित किया और बताया कि युद्ध का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं हो सकता, बल्कि शांति केवल वार्ता के माध्यम से ही संभव है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भी पीएम मोदी के सामने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा, जिसमें उन्होंने भारत को शांति शिखर सम्मेलन की मेज़बानी के लिए नामित किया। जेलेंस्की का यह प्रस्ताव भारत की वैश्विक शांति प्रयासों में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। पहली बार यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन जून में स्विट्ज़रलैंड में आयोजित किया गया था, जिसमें 90 से अधिक देशों ने भाग लिया था। भारत द्वारा इस सम्मेलन की मेज़बानी से वैश्विक शांति प्रयासों को नई दिशा मिल सकती है।
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